Skip to main content

राज्य स्तरीय खादी और पीएमईजीपी प्रदर्शनी आठवीं सांस्कृतिक संध्या

राज्य स्तरीय खादी और पीएमईजीपी प्रदर्शनी आठवीं सांस्कृतिक संध्या

  • कविताओं संग सदाबहार नग्मों व नृत्य ने दर्शकों को झुमाया
  • खादी वस्त्र नहीं, विचार है: डॉ नितेश धवन 

लखनऊ, 6 दिसंबर 2024। राज्य कार्यालय खादी और ग्रामोद्योग आयोग लखनऊ के तत्वावधान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विशाल खंड गोमती नगर के प्रांगण में चल रही राज्य स्तरीय खादी और पीएमईजीपी प्रदर्शनी की आठवीं सांस्कृतिक संध्या में कविताओं संग सदाबहार नग्मों व नृत्य ने दर्शकों को झुमाया।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ खादी और ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक डॉ नितेश धवन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में श्री धवन ने कहा कि खादी एक वस्त्र नही, विचार है।

अंकिता सिंह ने गणेश वंदना से कर अपनी खनकती हुई आवाज में हाले दिल और हमको हमी से चुरा लो गीत को सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरांत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसका आरंभ शरद कुमार पाण्डेय "शशांक" ने किया, उनकी पंक्तियां थीं - लगता कि रावण का अंत हो गया है अब साधु - संत राम राज्य विगुल बजा गये, लगता कि पुष्पक विमान पर हो सवार, अवध नरेश धर्म ध्वज फहरा गये। भरत सुखी हुये दुखी हैं दुराचारी सभी, आकर संदेश हनुमान जी सुना गये, धाम-धाम जगमग दीपों से सजाये गये, लगता धरा पे प्रभु राम चन्द्र आ गये।

मनमोहन बाराकोटी तमाचा लखनवी ने सुनाया भरा न हो जिसमें जोश वो रवानी कैसी, मिले न जिससे ज्ञान वो कहानी कैसी, अपनी ताकत को देख तुम इतराओ मत यारों, देश के काम न आये वो जवानी कैसी। डॉ रेनु द्विवेदी की पंक्तियां थीं -जिस पर गर्वित सारी दुनिया,संस्कृति वही पुरानी हूं, अंगारों से खेल चुकी हूं, झांसी वाली रानी हूं।

अनिल अनाड़ी ने कहा-रुतबा हाई फाई है, कमाई ही कमाई है शरीर से हष्ट पुष्ट हैं, चरित्र से दुष्ट हैं, फिर भी असंतुष्ट हैं, देते हम इनको दाद हैं कहते हम आजाद हैं। प्रवीण कुमार की यह पंक्तियां काफी सराही गईं- सांप से ज्यादा जहरीला इंसान हो गया है, इंसान कब डस ले इंसान को, इंसान का दुश्मन इंसान हो गया है, जब से भेष धारण किया है इंसान ने सांप का, यह सब देखकर साप भी इंसानों पर हंसने लग गया हैं।

कार्यक्रम के अगले सोपान में अंकिता सिंह ने अपनी सुमधुर आवाज में होती है जिंदगी में मोहब्बत कभी, प्रियंका दीक्षित ने अजनबी कौन हो तुम, अंशुमन मौर्य ने दिल बनाने वाले, रिनी मौर्य ने कहे तोसे सजना और अंकिता, अंशुमान, ,दीपक ने सम्वेत स्वरों में आंखें खुली हो या हो बंद गीत को सुनाकर श्रोताओं को खूब झुमाया। 

संगीत से सजे कार्यक्रम के अगले प्रसून में शुभम गौतम ने पटना से बैदा बुलाई दा, राखी शुक्ला ने शरारा -शरारा पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसी क्रम में अक्षत चतुर्वेदी ने मिमिक्री से दर्शकों को हंसा कर लोटपोट किया।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।