वर्ष में सोलह दिन पूर्वजों को समर्पित कर आशीर्वाद पाना ही श्राद आचार्य देव लखनऊ: डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया हिन्दू मान्यता के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर सर्वपितृ अमावस्या तक के सोलह दिन पूर्वजों को समर्पित हैं। यह वह शास्त्र सम्मत अवधि है, जिसमें मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों की आत्मिक शांति के लिए दान-पुण्य किए जाते हैं और उन्हें अन्न-जल समर्पित किया जाता है। पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए और उनकी तृप्ति के श्रद्धा के साथ जो तर्पण-अनुष्ठान किया जाता है, उसे ही श्राद्ध कहते हैं। आचार्य देव ने जानकारी के तौर पर बताया कि पितृ पक्ष 2024, भाद्रपद शुक्ल की पूर्णिमा यानी 17 सितम्बर 2024, मंगलवार के दिन शुरू हो रहा है। पूर्णिमा तिथि 17 सितम्बर 2024 को सुबह 11:44 बजे से शुरू होगी और ये 18 सितम्बर 2024 को सुबह 8:04 बजे तक रहेगी। पितृ पक्ष (Shradh 2024) 2 अक्टूबर, बुधवार, सर्वपितृ अमावस्या को समाप्त होगा, ये सोलह दिन तक रहेगा। पुराणों के अनुसार, पितृजन अपनी मृत्यु की तिथि के दिन अपना तर्पण ग्रहण करने पृथ्वीलोक आते हैं। इस अवधि में आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध, हिन्दू पञ्चांग क
SAWI AWARENESS NEWS PAPER RNI NO. UPHIN/2007/23408