- सी.एम.एस. संस्थापिका डा. भारती गाँधी और समाजसेवी मुरलीधर आहूजा को मानद सदस्यता से नवाजा गया
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी को बुद्धपूर्णिमा के पावन अवसर पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इण्डिया के तत्वावधान में विशेष रूप से सम्मानित किया गया।महाबोधि सोसाइटी द्वारा स्थानीय रिसालदास पार्क में आयोजित प्रार्थना सभा में जहाँ एक ओर विश्व एकता एवं विश्व शान्ति को जोरदार उद्घोष हुआ तो वहीं दूसरी ओर सी.एम.एस. संस्थापक डा. भारती गाँधी एवं स्वं. डा. जगदीश गाँधी के विश्व एकता, विश्व शान्ति, सर्वधर्म समभाव एवं भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के प्रयासों को सराहा गया। इस अवसर पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डा. महेन्द्र सिंह ने डा. भारती गाँधी मानद सदस्यता से नवाजते हुए कहा कि सर्वधर्म समभाव एवं महात्मा बुद्ध की विश्व एकता एवं विश्व शान्ति की शिक्षा को आगे बढ़ाने में सी.एम.एस. संस्थापक डा. भारती गाँधी एवं स्वं. डा. जगदीश गाँधी का अत्यन्त ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस प्रार्थना सभा में बौद्ध समाज की गणमान्य हस्तियों के साथ ही प्रख्यात समाजसेवी श्री मुरलीधर आहूजा, उ.प्र. जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री श्री अब्दुल वहीद व चैयरमैन अजीज सिद्दीकी सहित लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
विदित हो कि डा. भारती गाँधी के मार्गदर्शन में सिटी मोन्टेसरी स्कूल भावी पीढ़ी को मानव कल्याण, विश्व बन्धुत्व एवं ईश्वर भक्ति के उच्च आदर्शों का समावेश करके सच्चे अर्थों में पूर्ण शिक्षा प्रदान करने का कर्तव्य निभा रहा है। ‘जय जगत’ व ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा सी.एम.एस. की शिक्षा पद्धति का मूलमंत्र है तथापि अपनी स्थापना के 65 वर्षों के अनवरत प्रयासों के उपरान्त सी.एम.एस. आज विश्व एकता व विश्व शान्ति का अग्रदूत बन चुका है।श्री मुरलीधर आहूजा द्वारा इस अवसर पर सभी बौद्ध अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा गया कि आज पूरी दुनिया में अशांति फैली हुई है। यूक्रेन-रूस, ईरान-इजराइल, फिलीस्तीन आदि युद्धों ने मानवता को शर्मसार किया है। ऐसे में भगवान बुद्ध का धम्म ही शांति का मार्ग है।
महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डाक्टर महेंद्र सिंह द्वारा माननीय अतिथियों का अभिनंदन तथा उनको प्रमाणपत्र, भगवान बुद्ध का अनुपम छवि चित्र और 1956 में नागपुर में महाबोधि सोसाइटी द्वारा आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम विवरणिका की प्रति दी गयी। डॉक्टर महेंद्र सिंह ने भगवान बुद्ध के भवतु सब्ब मंगलम् की अवधारणा के अनुरूप सभी के कल्याण की कामना की।भिक्खु इंचार्ज भंते ज्ञानालोक ने धम्मपद को उद्धृत करते हुए समस्त मानवों के लिए मंगल मैत्री की कामना की। इस अवसर पर अब्दुल वाहिद जी ने वर्तमान युद्ध के माहौल को मानव जाति के लिए खतरा बताते हुए अमन शांति के लिए बुद्ध की प्रासंगिकता पर बल दिया।अंत में रिसालदार पार्क बुद्ध विहार की मैनेजमेंट कमेटी के सचिव जय शंकर सहाय द्वारा भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्यों और कर्मफल की अवधारणा का ज्ञान और अष्टांगिक मार्ग को अपना कर हम सम्यक और दुःख रहित जीवन जी सकते हैं। यही बुद्ध का अप्प दीपो भव् का सिद्धांत है। उन्होंने बताया कि 1925 में इस ऐतिहासिक बुद्ध विहार की स्थापना हुई थी तथा बाबासाहब लखनऊ प्रवास के समय यहां अवश्य आते थे। अंत में उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर महाबोधि सोसाइटी के गवर्निंग बाडी सदस्य आर के सचान, हरेन्द्र कुमार, ऊषा बौद्ध, जयेन्द्र कुमार, डॉ पद्मसिंह, एम पी गौतम,डॉ रामकुमार, डॉ शिशिर,परवेज अख्तर,महेश दीक्षितआदि उपस्थित थे।
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