Skip to main content

ब्रह्मसागर ने मनाया अपना द्वितीय वार्षिकोत्सव, ब्रह्मसागर सन्देश स्मारिका का हुआ विमोचन

ब्रह्मसागर ने मनाया अपना द्वितीय वार्षिकोत्सव, ब्रह्मसागर सन्देश स्मारिका का हुआ विमोचन

  • ब्रह्मसमाज के एकीकरण हेतु देश के ब्राह्मण संगठनों से एक मंच पर आने का किया आह्वान 
  • “ब्रह्मजन हिताय सर्वजन सुखाय” संकल्प को सफल बनाने हेतु ब्राह्मणों ने भरी हुंकार। 

लखनऊ 24 फ़रवरी 2024: जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी की प्रेरणा से भारत की सनातन संस्कृति, ज्ञान, और गौरवशाली मूल्यों की पुनर्स्थापना, ब्रह्मसमाज का एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य के साथ श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य अनंत श्रीविभूषित अमृतानंद देवतीर्थ, शारदा सर्वग्य पीठम श्रीनगर कश्मीर की प्रेरणा व् अध्यक्षता में शेषावतार लक्ष्मण की नगरी लखनऊ के उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में आज ब्रह्मसागर ने अपने द्वितीय अधिवेशन का आयोजन किया । कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक ऋचाओं, दीप प्रज्वलन और आदि शंकराचार्य जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ इस अवसर पर, ब्रह्मसागर-सन्देश नामक स्मारिका का विमोचन तथा देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि विप्रजनों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा जी ने ब्राह्मणों की एकजुटता की सराहना करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का संवाहक रहा है , 


मुख्य वक्ता के रूप में चिन्मय मिशन के प्रमुख संत ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्राह्मण समाज सनातन काल से ही गौरवशाली अतीत का साक्षी रहा है तथा समाज को एक दिशा देते आये हैं उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मसमाज की सहिष्णुता त्याग, तपस्या, वीरता और विद्वता ने विश्व में अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं अब जरूरत हैं कि आने वाली पीढ़ी को जगाकर पुनः सनातन संस्कृति, गौरवशाली अतीत और स्वर्णिम भविष्य के संकल्प को आत्मसात कर भारत को पुनः विश्व गुरु और सोने की चिड़िया बनाने में योगदान दें आज का यह मंथन इस ओर बढ़ने की एक सराहनीय पहल है . इसके अतिरिक्त इस ऐतिहासिक वार्षिक अधिवेशन मे देश के कोने कोने सेपधारे प्रख्यात आध्यात्मिक धर्मगुरु, चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वैदिक मर्मज्ञ, सनातनी इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी आदि सहित मनीषा जगत की महान विभूतियों ने ब्राह्मणों के कल्याण, खोई हुई विरासत को पुनः प्राप्त करने तथा ब्राह्मणों के एकीकरण की महती आवश्यकता पर अपने अपने विचार व्यक्त किये . अध्यात्मिक जगत और मनीषा जगत के विद्वान संत महामंडलेश्वर श्री अभयानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की सनातन संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान को केंद्र में रखकर भारत को वैश्विक स्तर पर पुनः उसके तीनों आयामों भौतिक, बौध्दिक और अध्यात्मिक उत्कृष्टता के साथ वैभवशाली गौरवशाली मूल्यों मर्यादाओं को पुनर्जीवित करने का मानवोचित धर्म हम सब भारतीयों को करना होगा, ब्रह्मसागर द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

ब्रह्मसागर के राष्टीय अध्यक्ष व् पूर्व प्रशाशनिक अधिकारी (IAS Retd) कैप्टन एस के द्विवेदी ने देश के अनेक अंचलों से पधारे ब्रह्म वंशियों से अपील कि कि देश में ब्राह्मणों की स्थिति ठीक नहीं है अभी भी यदि हम नहीं चेते तो आने वाली हमारी पीढियां हमें माफ़ नहीं करेंगी, हमें अब जागना ही होगा , सारे भेद भुलाकर ब्रह्मसमाज का एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य के साथ एक मंच पर आना होगा अधिवेशन के दोनों सत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया कार्यक्रम की पूर्णता धन्यवाद् ज्ञापन और श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य के आशीर्वचनों के साथ हुई इस अवसर पर ब्रह्मसागर परिवार के अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित भारी संख्या में सदस्य और ब्राह्मण समाज के विप्रजन उपस्थित रहेंगे ।

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।