डॉ० अब्दुर्रहीम की पुस्तक "मेरी रेडियो वार्ताएं" का विमोचन
लखनऊ 5/नवंबर: उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सभागार में अभिनंदन ग्रंथ के तत्वाधान में लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण एवं सम्मानित साहित्यकारों की उपस्थिति में राज्य कर्मचारी परिषद के पूर्व सचिव और सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ. दिनेश चंद्र अवस्थी की पुस्तक "मैं चलता चला आया" और मुमताज पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ० अब्दुर्रहीम की पुस्तक "मेरी रेडियो वार्ताएं" का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुशांत यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जयशंकर मिश्र, उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सदस्य श्री बृजलाल, प्रसिद्ध हिंदी लेखिका पद्मश्री विद्याविंदु और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर हरिशंकर मिश्र भी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह एवं श्री सुशील श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में डॉ० अब्दुर्रहीम ने सुप्रसिद्ध हिन्दी लेखिका डॉ० रश्मिशील को उनकी साहित्यिक सेवाओं पर आधारित एक शोध प्रबन्ध भेंट किया जो डॉ० अब्दुर्रहीम के सफ़ल निर्देशन में ही पूर्ण हुई। "मेरी रेडियो वार्ताएं" हिंदी साहित्य के संदर्भों पर आधारित है और डॉ० अब्दुर्रहीम की पांचवीं पुस्तक है। इस पुस्तक में हिंदी भाषा और साहित्य पर 33 महत्वपूर्ण लेख हैं जो विभिन्न अवसरों पर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित किये जा चुके हैं। इसके अलावा, इस पुस्तक में आज़ाद हिंद फौज एवं स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस तथा डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर क्रमशः दो महत्वपूर्ण लेख शामिल हैं। इस पुस्तक की भूमिका सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं लेखक सैयद ज़फ़र आबिदी द्वारा लिखा गया है और शुरुआती पृष्ठों में आकाशवाणी लखनऊ के पूर्व निदेशक श्री पृथ्वीराज चौहान की इस पुस्तक के बारे में बहुमूल्य टिप्पणियाँ भी शामिल हैं। इस कार्यक्रम में डॉ० अब्दुर्रहीम को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए आकाशवाणी लखनऊ द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ० अब्दुर्रहीम का संबंध साहित्य सेवा एवं शिक्षण से है। अमीरुद्दौला इस्लामिया डिग्री कॉलेज और मुमताज पीजी कॉलेज में शिक्षण सेवाओं के साथ-साथ उन्होंने इन संस्थानों में प्राचार्य के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने पंद्रह वर्षों तक एनसीसी अधिकारी के तौर पर कैप्टन रैंक तक अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं। वे हिदायत एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष हैं, यह एक ऐसी संस्था है जो शैक्षिक और सामाजिक सेवाओं में हमेशा आगे रहती है और लगातार साहित्यिक कार्य कर रही है। मुमताज पी०जी० कॉलेज के प्रबंधक सैयद अतहर नबी एडवोकेट के साथ डॉ० दिनेश चंद्र अवस्थी, प्रो० हरि शंकर मिश्र, डॉ. रश्मि शील, मुमताज़ पी०जी० कॉलेज के प्रॉक्टर डॉ० सलमान खान नदवी, हिंदी विभाग के डॉ० मुहम्मद आल अहमद, डॉ० यासिर जमाल, मुहम्मद तौफीक और पवन कुमार ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी ।
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