Skip to main content

'72 हूरें' के मेकर्स ने जेएनयू परिसर में 04 जुलाई को फ़िल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग का किया ऐलान

'72 हूरें' के मेकर्स ने जेएनयू परिसर में 04 जुलाई को फ़िल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग का किया ऐलान

लखनऊ, 3 जुलाई, 2023: जब से फ़िल्म '72 हूरें' का टीज़र रिलीज़ किया गया है, तभी से फ़िल्म को लेकर किसी ना किसी तरह का विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इन‌ तमाम विवादों के बीच फ़िल्म‌ के‌ मेकर्स द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में '72 हूरें' की स्पेशल स्क्रीनिंग के ऐलान ने एक बार फिर से फ़िल्म को सुर्खियों में ला दिया है.

वैसे जेएनयू विश्वविद्यालय का इतिहास बताता है कि जब भी वास्तविक जीवन पर आधारित सशक्त फ़िल्मों का प्रदर्शन‌ जेएनयू परिसर में किया गया है, तब-तब किसी ना‌ किसी तरह का कोई विवाद ज़रूर खड़ा हुआ है. ऐसे में विश्वविद्यालय परिसर में '72 हूरें' के प्रदर्शन से मामला पहले की तरह पेचीदा साबित हो सकता है. इससे पहले वहां पर वास्तविक घटनाओं पर‌ आधारित फ़िल्मों की स्क्रीनिंग के बाद की घटनाओं ने लोगों की राय को बांटने का काम‌ किया और अक्सर ऐसी स्क्रीनिंग के बाद लोगों का आक्रामक रवैया देखने‌ को मिला है. इसके‌ सबके बावजूद '72 हूरें' के मेकर्स ने 04 जुलाई को जेएनयू परिसर‌ में फ़िल्म के प्रदर्शित किये जाने का ऐलान कर दिया है. इस बीच, कश्मीर स्थित कुछ राजनीतिक दलों ने फ़िल्म में दिखाए गये आतंकवादियों को मानसिक रूप से बरगलाने के‌ दृश्यों पर गहरी आपत्ति जताई है. इन राजनीतिक दलों का कहना है कि फ़िल्म में पेश की गईं इस तरह की नकारात्मक बातों से धर्म विशेष‌ को लेकर लोगों में ग़लत संदेश जाएगा और इससे सामाजिक ताने-बाने को उलटा असर पड़ेगा. इन राजनीतिक दलों को इस बात का भय है कि फ़िल्म के माध्यम से उनके धर्म को अनुचित ढंग से बड़े पर्दे पर पेश किया जाएगा.‌ यही वजह है कि ये सभी पार्टियां फ़िल्म‌ की रिलीज़ में  अवरोध पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं.

देश के जाने-माने धार्मिक गुरू मौलाना साजिद राशिद ने फ़िल्म‌ '72 हूरें' पर अपनी आपत्ति उठाते हुए उसपर धार्मिक सीख का ग़लत ढंग से चित्रण करने का इल्ज़ाम लगाया है और फ़िल्म के ज़रिए करोड़ों लोगों आस्था को ठेस पहुंचाने की बात कही है. लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि उन्होंने '72 हूरें' से जुड़ी एक परिचर्चा के दौरान इस बात को क़बूल किया कीबमर्दों को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बदले जन्नत में 72 हूरों का सपना दिखाया जाता हैं जहां उन्हें औरतों के साथ अय्याशी करने का पूरा इंतज़ाम होने की बात भी कहीं जाती है.

जेएनयू में फ़िल्म '72 हूरें' की स्पेशल स्क्रीनिंग के संदर्भ में मेकर्स का कहना है कि फ़िल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग कश्मीरी मुसलमानों व अन्य छात्रों के लिए एक ऐसा सुनहरा मौका है जो फ़िल्म में‌ दिखाई गईं आतंकवादी घटनाओं की सच्चाइयों को लेकर उन्हें ख़ुद को अभिव्यक्त करने का अच्छा अवसर प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इससे पहले‌ हुए विवादों के विपरीत फ़िल्म की‌ जल्द होने जा रही स्क्रिनिंग को आतंकवाद जैसे गंभीर मसले को खुले तौर पर‌ संवाद का‌ एक‌ बेहतरीन ज़रिया समझा जाना चाहिए और मामले‌ को संजीदा ढंग से समझने‌ की कोशिश‌ की होनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि '72 हूरें' 7 जुलाई, 2023 को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी. फ़िल्म का निर्देशन‌ राष्ट्रीय पुरस्कार‌ प्राप्त निर्देशक संजय पूरण सिंह चौहान ने‌ किया है. फ़िल्म का निर्माण गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर ने साझा रूप से किया है तो वहीं अशोक पंडित फ़िल्म के को-प्रोड्यूसर हैं.

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

अकबरनगर जन सेवा समिति लखनऊ उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक

अकबरनगर जन सेवा समिति लखनऊ उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक LUCKNOW  आज अकबरनगर जन सेवा समिति लखनऊ उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक हुई बैठक में सर्व समाज से जुड़े सभी मद्दों को लेकर वार्ता हुई और तय हुआ कि अकबरनगर जन सेवा समिति लखनऊ उत्तर प्रदेश का एक डेलिगैसन जन समस्या को लेकर लखनऊ की कमिश्नर मैडम जैकब रोशन जी और लखनऊ के डीएम से बहुत जल्द मुलाकात करेगा स्कूल क्लिनिक धार्मिक स्थल ओर आधार कार्ड एड्रेस चेंज करने और अपने नाम में करेकसन करने के लिए तत्काल कैंप लगाया जाए साफ पानी और लाइट टंकी पर ढहक्कन टंकी की सफाई ओर नगर निगम द्वारा कचरा गाड़ी ओर सफ़ाई की व्यवस्था की जाए जो लोग बसंत कुंज सेक्टर आई में बिल्डिंग बनाने वाली कंपनी ओर फर्म ने जो कार्य किया है उसकी जांच कराई जाए और।   गुड़बत्ता की जांच करा कर कठोर कार्रवाई की जाए और जो लोग बसंत कुंज योजना में आकर फंसी लगाकर या ऊपर से गिर कर या बीमारी से मर गए उनकी आर्थिक मदद की जाए और सरकार द्वारा उनके परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए ये मांग अकबर नगर जन सेवा समिति लखनऊ उत्तर प्रदेश ने की हमारी मांगों पर जल्द उचित कार्रवाई की जाए  आज की कार