दिल व मधुमेह की दवाओं का ख़ुद से न करें सेवन
- दवा खाने से पहले देखें किस कंपनी द्वारा है निर्मित : प्रो. (डॉ) सी. जी. अग्रवाल
लखनऊ: राजधानी के होटल क्लार्क अवध में मेडिकैमेन बायोटेक ने 'मेडिकैमेन लाइफसाइंसेज' को लांच किया। जिसके जरिये चिकित्सा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक आशा का उदय देखा जा सकता है। इस मौके पर कई सीनियर डॉक्टरों संग एक सीएमई का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएचयू के जनरल मेडिसिन विभाग के पूर्व चेयरमैन पद्मश्री प्रो. (डॉ) कमलाकर त्रिपाठी को गेस्ट ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। वहीं, इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) सी.जी. अग्रवाल मौजूद रहे। साथ ही, कोर्स को-ऑर्डिनेटर के रूप में डिवाइन हार्ट एंड मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एचओडी व केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) वी. एस. नारायण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में पद्मश्री प्रो. (डॉ) कमलाकर त्रिपाठी ने बताया कि "किसी भी मरीज़ को दिल व मधुमेह की दवाओं का सेवन ख़ुद से नहीं करना चाहिए। हमेशा डॉक्टरों की सलाह के बाद ही इन बीमारियों की दवाओं का सेवन करें। क्योंकि, गलत दवाओं के सेवन से उन्हें कई और तरह के रोगों से जूझना पड़ सकता है।"
अपने उद्बोधन में प्रो. (डॉ) सी. जी. अग्रवाल ने कहा कि दवाओं के सेवन से पहले इस बात का ख़्याल जरूर रखना चाहिए कि जिस दवा का हम सेवन कर रहे हैं, वो किस कंपनी द्वारा निर्मित है। जिससे हमें उससे होने वाले लाभ व हानि का पता लग सके। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट से पूछकर हर दवा नहीं खाई जा सकती। क्योंकि, आपके शरीर की अंदर की स्थिति कैसी है, ये सिर्फ डॉक्टर ही बता सकता है। अतः बिन डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करें।
कार्यक्रम में कंपनी के चेयरमैन राहुल बिश्नोई एवं सीईओ कमल पाहवा ने बताया कि आज के दौर में हाइपरटेंशन व डायबिटीज बड़ी बीमारियां हैं। अब मेडिकैमेन अपनी सहायक कंपनी मेडिकैमेन लाइफसाइंसेज के साथ क्रॉनिक सेगमेंट के जरिए निवारक दवाओं में प्रवेश कर रही है।
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