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मुस्लिम ओबीसी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न

मुस्लिम ओबीसी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न 

  • मुस्लिम पसमांदा बिरादरी की तरक्की के लिए उप मुख्यमंत्री का बयान स्वागतयोग्य - चौधरी आले उमर कुरैशी 
  • पसमांदा मुस्लिम समाज की आर्थिक और सामाजिक तरक्की की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की ज़रूरत है: चौधरी आले उमर
  • केंद्र एवं राज्य में भाजपा सरकार मुस्लिम पसमांदा बिरादरी को तरक्की के पायदान पर बढ़ाने की सोच रही है: अनवार इलाही

लखनऊ। मुल्क की आज़ादी के लिए हिंदुस्तान के सभी बाशिंदों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।इसमें पसमांदा समाज ने भी कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों के दांत खट्टे करके उन्हें भारत से भागने के लिए मजबूर किया था।परंतु अफसोस की बात ये है कि पसमांदा समाज को आज तक उसके वाजिब हक़ से महरूम रखा गया है।पसमांदा मुस्लिम समाज को लेकर एक बैठक में मुस्लिम ओबीसी काउंसिल के अध्यक्ष व आल इण्डिया जमीयतुल कुरैश के महासचिव चौधरी आले उमर कुरैशी ने उपरोक्त विचार व्यक्त किये।आज मुस्लिम ओबीसी काउंसिल के प्रदेश कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ।

बैठक की अध्यक्षता चौधरी आले उमर कुरैशी ने की।बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक का बयान स्वागतयोग्य है।इस बयान में बृजेश पाठक ने पसमांदा समाज की बदहाली का उल्लेख करते हुए कहा था कि आज़ादी के बाद से सभी सरकारों ने पसमांदा बिरादरी को बिरयानी में तेजपत्ते की तरह इस्तेमाल किया,झूठी घोषणाएं की गईं। लेकिन पसमांदा समाज दिन ब दिन पिछड़ता चला गया।चौधरी आले उमर कुरैशी ने उप मुख्यमंत्री को उनके बयान के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि पसमांदा बिरादरी की आर्थिक और सामाजिक तरक्की की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की ज़रूरत है।

बैठक में सर्वसम्मति से  धारा 341 हटाई जाने का से पारित हुआ।

इस धारा के अंतर्गत धार्मिक आधार पर आरक्षण पर रोक लगाई गई है,लेकिन सिख, जैन और बौद्ध धर्म को धारा 341 से बाहर करके आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया गया है। जबकि मुस्लिम पसमांदा बिरादरी सर्वाधिक पिछड़ी है।सरकार द्वारा ओबीसी को आरक्षित 27 प्रतिशत में मुस्लिम पसमांदा की हिस्सेदारी 8.3 प्रतिशत है।चौधरी आले उमर कुरैशी ने कहा कि धारा 341 के तहत मुस्लिम धर्म पर लगे प्रतिबंध को हटाकर 8.3% आरक्षण दिया जाए।

बैठक में अनवार इलाही ने ये प्रस्ताव पेश किया कि मुस्लिम पसमांदा पिछड़ी जातियों को हिन्दू पिछड़ी जातियों की तरह दर्जा दिया जाए। मुस्लिम पसमांदा बिरादरी को उनकी संख्या के अनुपात में केंद्र तथा राज्य सरकार में भागीदारी दी जाए।

बैठक में सर्व सम्मति से फैसला लिया गया कि मुस्लिम ओबीसी काउंसिल का एक प्रतिनिधि मंडल उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मिलकर उनके बयान की मुक्त कंठ से सराहना करेगा एवं धन्यवाद देगा कि केंद्र एवं राज्य में भाजपा सरकार मुस्लिम पसमांदा बिरादरी को तरक्की के पायदान पर बढ़ाने की सोच रही है।

इस बैठक में उपस्थित मुनीर उद्दीन राईनी ने कहा कि आमतौर पर जब भी मुस्लिम समाज में आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ों की बात की जाती है तो मुस्लिम समाज का एक धड़ा इस कोशिश को पलीता लगाने का काम करने लगता है।उन्होंने कहा कि मुसलमानों में वर्ग भेद नहीं है।इस्लाम में सबको बराबरी का अधिकार मिला है।मुसलमानों का एक खास तबका पिछड़े मुसलमानों के हक़ को मारने का कुत्सित प्रयास करता है।हम इसकी सख्त आलोचना करते हैं।मुस्लिम ओबीसी काउंसिल उप मुख्यमंत्री द्वारा मुस्लिम पसमांदा बिरादरी को लेकर दिए गए बयान को धरातल पर क्रियान्वयन करने की सिफारिश करेगी।बैठक में अध्यक्ष मुस्लिम ओबीसी काउंसिल व आल इण्डिया जमीयतुल कुरैश के महासचिव चौधरी आले उमर कुरैशी, जमाल अहमद और अनवार इलाही, सामानी बिरादरी, मोहम्मद इरफान अदनानी एडवोकेट राष्ट्रीय महामंत्री मुस्लिम हलवाई बिरादरी कमेटी, चौधरी मुशीर अहमद, सलमान अली मनिहार बिरादरी, जावेद आज़ाद माहीगीर बिरादरी, मुनीर उद्दीन राईनी, राईनी बिरादरी, मोहम्मद खलीक मनिहार बिरादरी, मोहम्मद आमिर नगर अध्यक्ष घोसी बिरादरी, अनवारुल हक़ अंसारी, यूसुफ अली जोगी बिरादरी, रिज़वान मंसूरी, मंसूरी बिरादरी,चौधरी मोहम्मद नेहाल पूर्व पार्षद, मोहम्मद हारून अब्बासी बिरादरी,चौधरी शादाब कुरैशी, सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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