लखनऊ : अब यह स्पष्ट हो चुका है कि हमें कोविड-19 वायरस के साथ ही जीना है। यानी यह वायरस हमेशा हमारे साथ रहने वाला है। शिकागो यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक रिसर्च की, इसमें पता चला है कि भारत दुनिया के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले देशों में से एक है। इस रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि वायु प्रदूषण के कारण भारतीय लोग अपने जीवन के 5 से 10 साल पहले ही अपनी जान गवां रहे हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 का कॉम्बिनेशन अधिक गंभीर और खतरनाक हो सकता है। जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता हुआ दिख रहा है। ऐसे में हम सभी लोगों को अपने आस-पास की हवा में मौजूद कोविड-19 जैसे कीटाणुओं और प्रदूषण के खिलाफ डटकर सामना करना है।
आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी कानपुर की एक टेक्नोलॉजी, वायु प्रदूषण और कोविड-19 दोनों के खिलाफ कारगर साबित हुई है। सीएसआईआर-आईएमटेक (CSIR IMTECH) में "एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजी" का परीक्षण किया गया। इसमें साबित हुआ कि यह टेक्नोलॉजी सारक कोव 2 (SARC CoV-2) को 1 मिनट के भीतर 99.9 फीसदी की दक्षता के साथ निष्क्रिय करने में सक्षम है।
‘एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजी’ पर रवि कौशिक ने रिसर्च की। उस समय रिव IIT बॉम्बे से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर्स कर रहे थे। दरअसल, एयर प्यूरिफिकेशन टेक्नोलॉजी में अंतर जानने के लिए रवि के नेतृत्व में वर्षों तक एक रिसर्च की गए। इसी रिसर्च ने रवि को AiRTH पर रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया। इस टेक्नोलॉजी को आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर अमिताभ बंदयोपाध्याय के मार्गदर्शन में सिद्ध किया गया। इसमें SIIC (स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर) ने अपना समर्थन भी दिया। साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग ने एर्थ (AiRTH) द्वारा किए गए टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस टेक्नोलॉजी का भारत की सबसे प्रतिष्ठित लेब जैसे CSIR-NPL, CSIR-CDRI और अन्य ने टेस्ट का सत्यापन किया।
आपको बता दें कि बाजार में मिलने वाले एयर प्यूरीफायर एक कैप्चर मैकेनिज्म पर काम करते हैं। इन एयर प्यूरीफायर का नियमित उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि ये कीटाणुओं के लिए प्रजनन स्थल बन सकते हैं। जबकि IIT बॉम्बे और IIT कानपुर में विकसित टेक्नोलॉजी D-C-D (डीएक्टिवेट-कैप्चर-डीएक्टिवेट मैकेनिज्म) तंत्र पर काम करती है।
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