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बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन है


बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन है

लखनऊ, 25 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस द्वारा ‘‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’’ का भव्य आयोजन आज विद्यालय के सजे-धजे प्रांगण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री संजीव भूटानी, महानिदेशक, आर.डी.एस.ओ. ने ज्ञान का दीप प्रज्जवलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । भारी संख्या में उपस्थित अभिभावकों ने तालियाँ बजाकर छात्रों की अनूठी प्रस्तुतियों को सराहा। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं वार्षिक परीक्षाओं में पुरस्कार अर्जित करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री संजीव भूटानी, महानिदेशक, आर.डी.एस.ओ. ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन ही है। बाल्यावस्था बीत जाने के बाद व्यक्ति को शिक्षा देना अत्यन्त कठिन होता है, अतः बचपन में ही चारित्रिक उत्कृष्टता की सुदृढ़ नींव रखी जानी चाहिए। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा एक सतत् और रचनात्मक प्रक्रिया है। बालक आगे चलकर क्या बनेगा, किस रूप में समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, यह इस बात पर निर्भर है कि बाल्यावस्था में उसको परिवार, स्कूल तथा समाज में किस तरह के चरित्र के लोगों का साथ मिला है।सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योत्सना अतुल ने अभिभावकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को सदैव ही प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु प्रेरित करता है।

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