समाजवाद के पैरोकार थे सुभाष - शिवपाल
- समानधर्मी हैं राष्ट्रवाद व समाजवाद- दीपक,
लखनऊ , प्रगतिशील समाजवादी पार्टी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समाजवाद संकल्प दिवस के रूप में शिवपाल यादव की अध्यक्षता व दीपक मिश्र के संचालन में मनाया गया । नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लेखों व भाषणों पर आधारित पुस्तक " हम समाजवाद चाहते हैं " का विमोचन करते हुए प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत को आज़ाद कराकर समाजवादी शासन प्रणाली स्थापित करना चाहते थे । उन्होंने हरिपुरा अधिवेशन में कहा था कि गरीबी, आर्थिक विषमता व भुखमरी जैसी राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान केवल समाजवाद से ही संभव है । त्रिपुरी अधिवेशन में नेताजी बोस ने समाजवाद की अमंद बयार बहाने की खुली पैरवी की थी । आज भाजपा नेताजी जी नाम लेते हुए समाजवाद की मान्यताओं के विरुद्ध कार्य कर रही है ।
नेताजी हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे, भाजपा ने हिंदी व स्वदेशी आंदोलन को कमजोर किया है । समाजवादी चिंतक व प्रसपा मुख्य प्रवक्ता दीपक मिश्र ने कहा कि सुभाष के जीवन दर्शन से समाजवाद व राष्ट्रवाद की प्रेरणा मिलती है । नेताजी को पढ़ने के बाद पता चलता है कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रवाद व समाजवाद की भावभूमि एक है, दोनों का लक्ष्य समग्र व समावेशी मानवीय विकास है । राष्ट्रवाद के आवरण में साम्प्रदायिकता फैलाने वाली भाजपा को नेताजी बोस का नाम लेने का नैतिक अधिकार नहीं है । प्रसपा बौद्धिक सभा राष्ट्रवाद की कसौटी पर अभियान चलाकर भाजपा- आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे झूठ व भ्रम का पर्दाफाश करेगी । संगोष्ठी को नीरज सिंह गुड्डू, सुरेश शुक्ल , बीनू शुक्ल, पूर्व मंत्री संगीता यादव ,अजय त्रिपाठी ,प्रवक्ता अरविंद यादव शुभम, हिमांशु समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया ।
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