उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में जश्न 2021 -पहला दिन
अभिनेता रज़ा मुराद, महाभारत फेम अर्जुन ‘फिरोज़ खान’ ने भी लिया हिस्सालखनऊ 4 दिसम्बर। उर्दू हिंदुस्तान की बेटी व हिन्दी की बहन है और बिना यह भाषा सीखे हम हिंदुस्तान की संस्कृति और इतिहास को समझ नहीं सकते, अगर हम बिना उर्दू के हिंदुस्तान के इतिहास व संस्कृति को समझना चाहेंगे तो वह अधूरा ज्ञान ही होगा जोकि समाज के लिए नुक़सान देय होगा।
यह मानना था उन वक्ताओं का जो यहां उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में कार्यक्रम जश्न के उद्घाटन के अवसर पर मौजूद थे। बालीवुड में उर्दू विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रख्यात अभिनेता अभिनेता रज़ा मुराद, के साथ महाभारत फेम अर्जुन ‘फिरोज़ खान’ ने भी हिस्सा लिया। पहला सेशन फिल्मों में उर्दू का दख़ल नाम से हुआ जिसमें बोलते हुये फिल्म अभिनेता रज़ा मुराद ने कहा कि आज के अधिकांश शायर ज़बान से नवाकिफ है। पहले की ज़बान में जो चाशनी सी मिठास थी वो आज दिखाई नही देती । उन्होने कहा कि उर्दू के लिए हमे अपने बच्चों को घर में ट्यूटर लगा कर उर्दू सिखानी चाहिए। वामिक खान के संचालन में हुये इस सेशन में मंजुल आज़ाद असरार खान और संजय सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
फिल्मों पर केन्द्रित पहले सत्र के बाद दूसरे सत्र सहाफत का खूबसूरत चेहरा उर्दू में एबी सिंह,डा अकबर अली, व जुबैर अहमद, एसएन लाल ने अपने विचार रखे। उर्दू राजनीति पर हुए तीसरे सत्र सियासत में उर्दू की करामत में मुर्तुज अली, कमर अली, सुरेन्द्र राजपूत प्रदीप सिंह, अर्जुन ने विचार रखते हुए उर्दू की प्रासंगिकता बताई। यहां वक्ताओं ने कहा कि उर्दू के भविष्य को लेकर जहां लोग फिक्रमंद हैं, वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो उर्दू का भविष्य रौशन मानते हैं। फिल्में हों या टीवी धारावाहिक सब जगह उर्दू की जरूरत है। इसी क्रम में अतहर नबी और चन्दर प्रकाश व अन्य ने उर्दू का गहबारा अदब पर अपने विचार रखे।
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