- विश्व रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर हुई चर्चा और गब्बर कोरोना नाटक का हुआ प्रदर्शन
लखनऊ । विश्व रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार 26 मार्च को निराला नगर के ज्वाला प्रसाद भवन में परिचर्चा हुई। परिचर्चा में वक्ताओं ने समाज की नई चुनौतियों पर नाट्य प्रस्तुतियां का आवाह्न किया। इस अवसर पर लोकप्रिय बाल कलाकार अंशिका त्यागी एवं अभिनव त्यागी ने नाटक “गब्बर कोरोना” लघु नाटक भी पेश किया। उसमें उन्होंने आमजन को प्रेरित किया कि वह अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवाए और दो गज की दूरी, मास्क और हाथ धोते रहने के नियमों का पालन सख्ती से करें।
परिचर्चा में लोकप्रिय रंगकर्मी तमाल बोस ने बताया कि इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिट्यूट ने साल 1961 में यह घोषणा की थी कि हर साल 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1962 में पहला अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संदेश फ्रांस की जीन काक्टे ने दिया था जबकि साल 2002 में यह संदेश भारत के प्रसिद्ध रंगकर्मी गिरीश कर्नाड द्वारा दिया गया था। उन्होंने कहा भरतमुनि का नाट्य शास्त्र वर्तमान में भारत ही नहीं विश्व में रंगकर्म का सर्वमान्य ग्रंथ है। भरत मुनि का जीवनकाल चार सौ ईसापूर्व से 100 ईसवीं के मध्य माना जाता है। इसे पंचम वेद भी कहा गया है। इसका हर भारतीय को गर्व है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि नई नाट्य प्रस्तुतियां समाज की नई चुनौतियों का समाधान तलाशती मंचित की जाए।
थिएटर एंड फिल्म वेल्फेयर एशोसियेशन उ.प्र के सचिव दबीर सिद्दीकी ने कहा कि रंगकर्म की कला हमेशा शासक और अमजन के संरक्षण में ही पल्लवित हुई है। उन्होंने कहा कि कलाओं का बाजारोन्नमुखी होना उनकी मूल आत्मा को मारने जैसा है। इसलिए जन आकांक्षाओं को गति देने के लिए इसे संरक्षण दिया जाना चाहिए। जे.सी.फाउण्डेशन. एव थिएटर एंड फिल्म वेल्फेयर एशोसियेशन उ.प्र के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि कई सिनेमा और टीवी के कलाकारों को पहली पहचान रंगकर्म ने ही करवायी। ऐसे में मंच की नर्सरी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। नव अंशिका फाउण्डेशन की अध्यक्षा नीशू मनोज ने कहा कि एक समय था जब सिनेमा, रंगमंच और नृत्य के क्षेत्र में अच्छे घर की महिलाएं नहीं जाती थी। दूसरी ओर वर्तमान में इन विधाओं को सम्मान मिलने से आज मिलाएं इस क्षेत्र में भी पुरुषों के साथ यश अर्जित कर रही हैं।
इस अवसर पर जे.सी.फाउण्डेशन के अध्यक्षा आशीष अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्षा वैश महासभा अवधेश कौशल सहित अन्य गणमान लोग मौजूद रहे I
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