- परमार्थ निकेतन गंगा आरती और कुम्भ मेला, हरिद्वार में सहभाग हेतु दिया आमंत्रण
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्री रामजन्म भूमि, हनुमान गढ़ी और सरयू दर्शन किया
- ’सबके राम सबमें राम’ लाकेट का हुआ विमोचन
- कवि वे शिल्पी हैं जिनका सामाजिक समस्याओं पर प्रहार और समाधान-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
लखनऊ, 27 फरवरी। राज्यपाल उत्तरप्रदेश श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी एवं परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की भेंटवार्ता हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल जी को परमार्थ निकेतन में होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया और उन्होंने सहर्ष इस आमंत्रण को स्वीकार किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय कवि संगम से जुड़े सभी कवियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिये आशीर्वाद प्रदान करते हुये माननीय श्री इंद्रेश कुमार जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य एवं संरक्षक राष्ट्रीय कवि संगम एवं उपस्थित सभी कवियों को माँ गंगा जी आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्र साधक श्री इंद्रेश कुमार जी द्वारा लाये गये ’’सबके राम सबमें राम’’ लाकेट का विमोचन हुआ’’ स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पहला लाकेट सबसे पहले श्री चंपत राय जी, महामंत्री श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या, को पहनाया।
राष्ट्र साधक श्री इंद्रेश कुमार जी एवं श्री चंपत राय महामंत्री श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को श्री राम मन्दिर की सुन्दर प्रतिकृति भेंट की। तत्पश्चात श्री रामजन्म भूमि, हनुमान गढ़ी, सरयू दर्शन और पूज्य संतों का दर्शन करते हुये अयोध्या में परमार्थ निकेतन गुरूकुल की तर्ज पर एक गुरूकुल खोलने की स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने इच्छा व्यक्त की ताकि वे दिव्य नगरी अयोध्या की दिव्यता और पवित्रता को बनाये रखने के लिये सरयू जी की आरती के साथ-साथ यहां कि स्वच्छता और हरियाली को बनाये रखने हेतु सहयोग कर सके।
स्वामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन की आरती विश्व विख्यात है विश्व के विभिन्न देशों से आने वाले श्रद्धालु परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग करने हेतु उत्सुक रहते है उसी तरह सरयू जी की आरती को भी विशाल, भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया जा सकता है। स्वामी जी ने अयोध्या के पूज्य संतों से भी रूद्राक्ष वन रोपण के विषय में चर्चा करते हुये वहां से प्रस्थान किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कवि वे शिल्पी होते हैं जिनका सामाजिक समस्याओं पर प्रहार भी होता है और वे समाधान भी देते हैं। कविताओं के माध्यम से जनमानस की चेतना को जाग्रत किया जा सकता हैं। कविताओं में संवेदना, ज्ञान, समस्याओं को उजागर करने की क्षमता और समाधान की ताकत भी होती है इसलिये कविताओं को हमेशा जीवंत बनाये रखना जरूरी है।
अयोध्या महोत्सव के प्रमुख श्री हरीश कुमार श्रीवास्तव जी ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के दर्शन, आशीर्वाद और उन्हें अपने बीच पाकर हम अभिभूत हैं। इस महोत्सव के सभी पदाधिकारी गण गौरवान्वित अनुभव कर रहें हैं।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, संरक्षक राष्ट्रीय कवि संगम, श्री इंद्रेश कुमार जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकारिणी वरिष्ठ सदस्य एवं संरक्षक राष्ट्रीय कवि संगम, श्री चंपत राय महामंत्री श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या, श्री जगदीश मित्तल, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम, स्थानीय कर्मठ विधायक श्री वेदप्रकाश गुप्ता जी, अयोध्या महोत्सव के प्रमुख श्री हरीश कुमार श्रीवास्तव जी, श्री अशोक कुमार बत्रा जी, बाबा सत्यनारायण मौर्य अध्यक्ष भारत भक्ति संस्थान एवं संरक्षक राष्ट्रीय कवि संगम, डॉ राम अवतार शर्मा, अध्यक्ष श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान, श्री सुदीप भोला राष्ट्रीय मंत्री, श्री योगेंद्र शर्मा प्रभारी महाराष्ट्र, गुजरात राज्य, डॉ शंभू मनहर अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य, डॉ रूचि चतुर्वेदी, संरक्षक ब्रिज प्रांत, श्री कमलेश मौर्य मृदु, राष्ट्रीय महामंत्री, श्री दिनेश देवरिया, राष्ट्रीय महामंत्री, श्री शिव कुमार व्यास, क्षेत्रीय अध्यक्ष, संचालक डॉ अशोक बत्रा, राष्ट्रीय महामंत्री एवं आयोजक श्री हरीश श्रीवास्तव, अवध प्रांत सलाहकार यात्रा संयोजक श्री महेश शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री संरक्षक श्री अशोक सिंह अवध प्रांत और अनेक गणमान्य अतिथियों एवं प्रख्यात कवियों ने सहभाग किया।
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