"कृष्णचन्द्र : शख्सियत, फ़िक्रो फ़न" पर सेमिनार का आयोजन
लखनऊ मसीहा उर्दू सोसाइटी के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के सहयोग से एक "कृष्णचन्द्र : शख्सियत, फ़िक्रो फ़न" संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अतहर नबी एडवोकेट ने की। विशेष अतिथियों में डॉ० अम्मार नागरमी, सिदरतुल्लाह अंसारी और शमील शम्सी शामिल थे। इस संगोष्ठी में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रो० डॉ० मुजाहिदुल इस्लाम, ज़ियाउल्लाह सिद्दीकी, डॉ० यासिर जमाल, डॉ० सीमा सिद्दीकी आदि ने कृष्णचंद के व्यक्तित्व एवं कृत्रित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के क़ानून मंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी कर कमलों द्वारा एरा मेडिकल पूर्व कुलपति प्रो० अब्बास अली मेहदी, पुस्तकालय विज्ञान लखनऊ विश्वविद्यालय की डॉ० बबिता जयसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री वसीम हैदर, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल लखनऊ प्रबंधक श्री जावेद आज़ाद को उनके सामाजिक योगदान व कार्यों के लिए सम्मानित किया।
कार्यक्रम के दौरान क़ानून मंत्री श्री ब्रजेश पाठकने अपने वक्तव्य में कहा कि मैंने जहाँ तक कृष्णचंद को जाना है वो प्रेमचंद के बाद उर्दू के बड़े कहानीकार हैं। उर्दू एक मीठी ज़बान है। आज के दौर में जहाँ लोग अपने स्वार्थ के बारे में पहले सोचते हैं, ऐसे में भाषा और साहित्य की सेवा के प्रति योगदान के लिए मैं मसीहा उर्दू सोसाइटी उर्दू इस संस्था से जुड़े तमाम लोगों को बधाई देता हूँ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ० मसीहुद्दीन खान ने किया। सेमिनार के संयोजक एस० एन० लाल समेत डॉ० ज़ुलक़रनैन, डॉ० शाहनाज़ बानो, क़मर सीतापुरी, असलम खान, तबस्सुम ख़ान, अहमद नागरमी, यूनुस सलीम ख़ान, ममता लाल, सलमा ख़ान, ममता वैश्य, ख़ालिद आज़मी, जमील अहमद ख़ान, आतिफ ख़ान,शहाना सलमान अब्बासी आदि समेत शहर के विभिन्न उर्दू प्रेमी उपस्थित थे।
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