प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से करेंगे संवाद
- स्वनिधि योजना की तीनों श्रेणियों के क्रियान्वयन और उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर
- 2.59 लाख से अधिक लाभार्थियों को ऋण वितरण का उत्तर प्रदेश केंद्र की पी.एम. स्वनिधि योजना में प्रथम स्थान पर है
लखनऊ: 27 अक्टूबर, 2020: आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 27 अक्टूबर को पीएम स्वनिधि योजना के उत्तर प्रदेश से जुड़े लाभार्थियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद करेंगे. स्वनिधि योजना भारत सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, उत्तर प्रदेश ने इस योजना की सभी तीन श्रेणियों (ऋण के लिए आवेदन, अनुमति और संवितरण) में पहला स्थान प्राप्त किया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों से सीधे संवाद करेंगे। इस अवसर पर माननीय श्री आशुतोष टण्डन ''गोपाल जी'' विभागीय मंत्री, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, माननीय श्री महेश चन्द्र गुप्ता, राज्य मंत्री, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन प्रमुख सचिव, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, श्री अनुराग यादव, सचिव, नगर विकास विभाग, डॉ काजल, निदेशक, नगरीय निकाय निदेशालय, श्री उमेश प्रताप सिंह, निदेशक, राज्य नगरीय विकास अभिकरण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
इस योजना के विश्वसनीय क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 अक्टूबर, 2020 तक 2,59,147 लाभार्थियों को ऋण वितरित किया है। इस योजना के अंतर्गत 6 लाख से अधिक विक्रेताओं द्वारा आवेदन किए गए हैं, 3,62, 785 विक्रेताओं को लिए ऋण स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए, 6.40 लाख से अधिक विक्रेताओं द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए थे।
उत्तर प्रदेश की उपलब्धि पर माननीय श्री आशुतोष टण्डन ''गोपाल जी'' विभागीय मंत्री, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग, उत्तर प्रदेश शासन ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना महामारी के चलते रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों के सामने उत्पन्न हुई समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में आज उत्तर प्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर है यही नहीं प्रदेश के साथ शहर भी देश के शीर्ष दस शहरों की सूची में शामिल हैं। निश्चित ही यह हमारे लिए गौरवशाली क्षण है तथा यह दर्शाता है कि सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री दीपक कुमार के अनुसार, राज्य के 651 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में 3,050 पंजीकृत वेंडिंग जोन हैं तथा इन जनपदों में 7.78 लाख से अधिक विक्रेताओं की पहचान की गई है। राज्य में 6.68 से अधिक पंजीकृत विक्रेता हैं, सरकार ने 4,70,923 विक्रेताओं को प्रमाण पत्र जारी किए हैं। 4.77 लाख से अधिक विक्रेताओं को पहचान-पत्र भी जारी किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से और बिना किसी समस्या के संचालित कर सकें।
स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण वितरण के मामले में उत्तर प्रदेश के सात शहर शीर्ष 10 शहरों में शामिल हैं। इस सूची में वाराणसी, लखनऊ और अलीगढ़ शीर्ष तीन शहर हैं, राज्य के अन्य शहरों में क्रमशः प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर और गाजियाबाद शामिल हैं। सूची में अन्य भारतीय शहरों में इंदौर छठे तथा भोपाल सातवें तथा हैदराबाद दसवें स्थान पर हैं। राज्यों की सूची मध्य-प्रदेश 1.25 लाख से अधिक लाभार्थियों को ऋण वितरण के साथ दूसरे स्थान पर है, इसके बाद सूची में तेलंगाना (53,926), गुजरात (18,960), आंध्र प्रदेश (16,047), महाराष्ट्र (13,219), छत्तीसगढ़ (9,233), तमिलनाडु (8,400), झारखंड (6,475) तथा राजस्थान (5,542) का स्थान है।
केंद्र सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडरों और फेरीवालों को अपनी आजीविका गतिविधियों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए 1 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई थी। कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से लोगो को बचाने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा पूरे देश में 30 जून तक लॉक डाउन घोषित किया गया था। इस कारण से देश भर के रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वाले अपना जीवन यापन करने के लिए काम नहीं कर पा रहे थे तथा उन्हें संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके दृष्टिगत केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना प्रारम्भ करने की की घोषणा की। पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य रेहड़ी पटरी वालो को अपना काम दोबारा से शुरू करने के लिए सरकार द्वारा ऋण उपलब्ध कराना, रेहड़ी पटरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है तथा उनकी स्थिति में सुधार करना है।इस योजना का उद्देश्य विक्रेताओं को रियायती दर पर 10,000 रुपये की रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण स्वरुप प्रदान करना, ऋण की नियमित अदायगी के लिए प्रोत्साहित करना और डिजिटल लेनदेन करने वाले विक्रेताओं को पुरस्कृत करना है। योजना का उद्देश्य शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क विक्रेताओं या फेरीवालों को लाभ प्रदान करना है।
आदरणीय प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी के इस संवाद कार्यक्रम का सीधा प्रसारण निम्नांकित लिंक पर देखा जा सकता है।
(I) https://pmindiawebcast.nic.in
(ii) डीडीनेशनल / उत्तर प्रदेश
(iii) Youtube.com/dduttarpradesh
(iv) फेसबुक पेज- CMOUttarpradesh
(v) ट्विटर हैंडल: CMOfficeUP
(vi) यूट्यूब : UPGovtOfficial
Comments
Post a Comment