हुजूर पाक सल्ल0 के व्यवहार को अपनाना हर मुसलमान की जिम्मेदारी: मौलाना सुफयान निजामी
- दारूल उलूम फरंगी महल में आॅन लाइन जलसे का सिलसिला जारी
लखनऊ, 22 अक्तूबर 2020।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के अन्र्तगत दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में 12 दिवसीय ‘‘जलसा सीरतुन्नबी स0 व सीरत-ए-सहाबा रजि और तहफ्फुजे शरीअत’’ के जलसे आन लाइन आयोजित किये जा रहे है। कोविड-19 के प्रोटोकाल को देखते हुए किसी भी प्रकार की भीड़ को जमा न करने की वजह से 12 दिवसीय जलसे आन लाइन ही रिले किये जायेंगे।
इस अवसर पर मौलाना मो0 सुफयान निजामी अध्यापक दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने अपने सम्बोधन में तीसरे जलसे को खिताब करते हुए कहा किम कहा कि ‘‘तुम्हारे लिए अल्लाह के रसूल पाक सल्ल0 में अच्छा नमूना है, यह उस के लिए है जो अल्लाह से उम्मीद करता हो और आखिरत के दिन पर यकीन रखता हो, और जिसने अल्लाह को बहुत याद किया हो।’’ मोमिन के लिए अल्लाह के आखिरी पैगम्बर हुजूर पाक सल्ल0 रौशनी का मीनार हैं, अपनी जिन्दगी के लिए उनसे रौशनी हासलि करना, उनके नकशे कदम पर चलना और जिन्दगी के किरदार व अखलाक़ व सिफात में उनको अपने लिए नमूना बनाना हर मुसलमान का फर्ज है।
उन्होेने कहा कि हम सब आप सल्ल0 की उम्मत के फर्द हैं और हमें आप सल्ल0 की निसबत पर गर्व है। हम आप सल्ल0 की शान में किसी भी तरह की बेअदबी और आप सल्ल0 की शान में बिलकुल गुस्ताखी बर्दाशत नही कर सकते।
मौलाना ने सहाबाक्राम की पवित्र जमाअत का तजकिरा करते हुए कहा कि रसूल पाक सल्ल0 के सहाबाक्राम नबियों और रसूलों के बाद तमाम इंसानों में सबसे पवित्र लोग हैं। उनकी पैरवी में आखिरत की निजात है। इस पवित्र जमाअत की तारीफ से अल्लाह का कलाम और हुजूर पाक सल्ल0 की हदीस भरी हैं।
जलसे का आरम्भ क़ारी मुहम्मद तरीकुल इस्लाम की तिलावत कलाम पाक से हुआ। नात पाक दारूल उलूम फरंगी महल के विद्यार्थी मो0 अकमल ने पेश किया।
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