Skip to main content

मुख्यमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया



  • ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ एक राष्ट्रीय कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना: मुख्यमंत्री

  • प्रधानमंत्री का बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समाधान पर विशेष फोकस 

  • महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित 

  • समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक

  • कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण सम्बन्धी सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं

  • बच्चों के साथ कुपोषित मां को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए

  • कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए

  • कार्यक्रम के संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जाए

  • पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी जरुरी, जनपद स्तर पर साप्ताहिक, मण्डल स्तर 
    पर पाक्षिक, विभागीय व मुख्य सचिव स्तर पर मासिक समीक्षा की जाए

  • कोविड-19 के समय में पोषण कार्यक्रमों की समुचित निगरानी डिजिटल माध्यम से की जाए

  • पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए

  • ऐसे परिवारों को किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए

  • मुख्यमंत्री ने बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी जनपदों के पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों एवं उनके अभिभावकों के साथ संवाद स्थापित किया


लखनऊ: 05 सितम्बर, 2020


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक है। महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। देश में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समाधान पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विशेष फोकस है। इसके दृष्टिगत ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ संचालित किया जा रहा है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना है।


मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। प्रदेश के सभी जनपद वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुडे़ हुए थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी जनपदों के पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों एवं उनके अभिभावकों के साथ संवाद स्थापित किया।


मुख्यमंत्री जी ने अभिभावकों से संवाद के दौरान उनके बच्चों की उम्र, पैदाइश के समय वजन, वर्तमान में वजन, स्वास्थ्य, प्रदान किये जा रहे पोषाहार, टीकाकरण आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए। गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपये भी प्रदान किये जाएं। यह व्यवस्था पहले से संचालित ‘मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को अच्छे से अच्छा पोषण उपलब्ध कराने के लिए किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण सम्बन्धी सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बच्चों के साथ कुपोषित मां को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए। कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी को जरुरी बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के समय में इसे डिजिटल माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। जनपद स्तर पर कार्यक्रम की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। मण्डलायुक्त के स्तर पर पाक्षिक समीक्षा की जाए। इस समीक्षा की रिपोर्ट विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को भी प्रेषित की जाए। विभागीय स्तर तथा मुख्य सचिव के स्तर पर माहवार समीक्षा सम्पन्न हो।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम के संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जाए। पूर्वांचल के जनपद गोरखपुर व आस-पास के जनपदों में 40 वर्षाें से होने वाले इन्सेफेलाइटिस के प्रकोप पर वर्तमान सरकार द्वारा विगत 03 वर्षांे में अन्तर्विभागीय समन्वय तथा टीमवर्क से प्राप्त किये गये नियंत्रण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए भी इसी प्रकार अन्तर्विभागीय समन्वय व टीमवर्क से काम किये जाने की आवश्यकता है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रभावित लोगों तक बेहतर ढंग से पहंुचाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय पोषण माह की सफलता के लिए इसे जन-आन्दोलन बनाना पड़ेगा। कुपोषण से होने वाले नुकसान एवं केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाआंे के बारे में जन-जागरूकता पैदा करनी पड़ेगी। इस कार्यक्रम में सभी सम्बन्धित विभागों यथा स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि, उद्यान आदि को सहयोग करना होगा। पोषण कार्यक्रम के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को भी समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए। इन कार्यक्रमों का लाभ बालकों एवं बालिकाओं को बिना भेदभाव के उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में भी जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चैहान ने कहा कि राष्ट्रीय शोक की घोषणा के कारण इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह 07 सितम्बर, 2020 से प्रारम्भ किया जा रहा है। इसे जनसहभागिता के आधार पर आयोजित किया जाएगा। इसमें जनजागरूकता के साथ माताओं और परिवारों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। राष्ट्रीय पोषण माह के 02 प्रमुख लक्ष्य- अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण एवं प्रबन्धन तथा पोषण वाटिकाओं की स्थापना एवं विकास हैं। उन्होंने कहा कि पोषण माह के दौरान लगभग 08 लाख बच्चों का चिन्हीकरण किया जाएगा। इस माह में की गयी पहल को मार्च, 2021 तक क्रियाशील रखा जाएगा।


कार्यक्रम के दौरान राज्य पोषण मिशन के निदेशक श्री कपिल सिंह द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। उन्होंने बताया कि पोषण माह की टैग लाइन ‘उत्तम पोषण-उत्तर प्रदेश रोशन’ है। इसका क्रियान्वयन ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, उद्यान आदि विभागों के समन्वय से किया जाएगा। पोषण माह के दौरान 0 से 06 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं के पोषण पर विशेष बल दिया जाएगा। राष्ट्रीय पोषण माह का यह तीसरा वर्ष है। कोविड-19 के कारण इसे डिजिटल जनान्दोलन के रूप में मनाया जाना है। इसमें सोशल मीडिया, मास मीडिया, प्रिन्ट मीडिया, आउटडोर मीडिया, वर्चुअल मीटिंग का प्रयोग किया जाएगा। पोषण अभियान को टेक्नोलाॅजी, विभागीय समन्वय, व्यवहार परिवर्तन तथा क्षमता निर्माण के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।


इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।