Skip to main content

यूपी में कोविड के केसेस बढ़ने से रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने देखी टेलीकंसल्टेशन सर्विस में वृद्धि

यूपी में कोविड के केसेस बढ़ने से रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने देखी टेलीकंसल्टेशन सर्विस में वृद्धि



  • यूपी में कुछ-कुछ समय के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान टेलीकंसलटेशन के जरिये किडनी और गैस्ट्रो स्पेशिलिस्ट की उपलब्धता, मरीजों और उनके परिवार वालों के लिए वरदान साबित हुई है।

  • हॉस्पिटल हर दिन लगभग 15 मरीजों को टेलीकंसलटेशन सर्विसेज दे कर रहा हैं जो मुख्य रूप से नेफ्रोलोजी और गैस्ट्रोलोजी मरीजों से सम्बंधित होती हैं।


लखनऊ, 12 अगस्त 2020, : कोरोनावायरस के केसेस बढ़ने और लोगों में बाहर निकलने से डरने की वजह से रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने पिछले महीने टेलीकंसल्टेशन ओपीडी सर्विस में उछाल अनुभव है। हॉस्पिटल के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि क्रोनिक और लीवर से सम्बंधित बीमारियों के लिए 60% लोग ऑनलाइन और टेलीकंसल्टेशन के जरिये अपनी हेल्थ कंडीशन के बारें में अपडेट रह रहे है क्योंकि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाया गया है।


टेलीकंसलटेशन सर्विस को लांच किये हुए रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल लखनऊ को बस एक महीने ही हुआ है फिर भी लोगों ने इस सर्विस को अपनालिया है। लोग रेगुलर हेल्थ चेक-अप्स और फेस टू फेस कंसल्टेशन के लिए डाक्टरों की कम उपलब्धता के बारें में जागरूक हो गए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान डाक्टरों के डिजिटल सर्विस के लिए टेलीकंसल्टेशन में काफी ग्रोथ देखा गया है। यह सर्विस ख़ास करके क्रोनिक किडनी बीमारियों के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है क्योंकि अगर इस कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से उनका ट्रीटमेंट जारी नहीं रहता तो उनकी जान को खतरा भी हो सकता था।


डॉ दीपक दीवान, एम्डी, डीएम्-नेफ्रोलोजी, रीनल साइंस डायरेक्टर, रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने कहा, "यह तारीफ़ के योग्य है कि लोग घर के अंदर रह रहे हैं और ऐसे समय में जब हम कहीं आ जा नहीं पा रहे हैं तो लोग अपनी हेल्थ की जरूरत के लिए टेलीकांस्लेशन सर्विस का रुख कर रहे हैं। हम रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स में  यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी मरीजों को कंसल्टेशन सेशन के जरिये उचित सलाह दी जाए। हम इस सर्विस को लांच  करके यह मानते हैं कि हमारे ज्यादातर मरीज अपने मेडिकल ट्रीटमेंट में कोई ठहराव नहीं लाना चाहेंगे क्योंकि हमारे सभी वरिष्ठ सलाहकार इस प्रौद्योगिकी इंटरफ़ेस के माध्यम से उपलब्ध हैं। सोशल डिस्टेंसिंग प्रक्रिया ने हेल्थ केयर सर्विस में अपनी नई चुनौतियों को जन्म दिया है, हम अपने मरीज की उम्मीदों को पूरा करने के लिए समाधान तैयार कर रहे हैं। हॉस्पिटल में  हमारी सभी सेवाएं चल रही हैं और हमारा इमरजेंसी डिपार्टमेंट 24 मदद देने के लिए खुला है।"


मरीज टेक्नोलोजी के माध्यम से अपने रूटीन फालोअप कंसल्टेशन कर रहें हैं ताकि वे अपनी देखभाल कर सकें।  रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल ने टेलीकंसल्टेशन को लांच करके मरीजों की देखभाल आधारित सर्विस को जहाँ भी जरूरत हो वहां पर पहुंचा करके, हॉस्पिटल के नए माडल का निर्माण किया है।


रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के सीनियर कंसल्टेशन एमएस, एम. सीएच. (जीआई सर्जरी), डॉ प्रदीप जोशी ने कहा, "इस समय विशेष रूप से पुरानी बीमारियों वाले मरीजों में एन्जाईटी बहुत ज्यादा है और इस दौरान ऐसे मरीजों द्वारा अपने डॉक्टरों से सलाह लेने पर उन्हें बहुत आराम और आत्मविश्वास मिलता है। कोरोनोवायरस महामारी के दौरान पुरानी बीमारियों को मैनेज करना बहुत मुश्किल हो गया हैं और मल्टिपल मेडिकल सर्विस के बीच बहुत ही क्लोज कोआर्डिनेशन, शेड्नियूलिंग अपोइन्टमेंट और असंख्य समस्याओं के समाधान के समाधान के लिए बहुत ही उपयुक्त समाधान की आवश्यकता हैं। भारत में कोविड-19 केसेस में बढ़ोत्तरी के साथ जनता की सुरक्षा के लिए लगे लॉकडाउन में कई ऐसे कई मरीज़ थे, जो अपनी जरूरी मेडिकल हेल्प को पाने में मुश्किलों का सामना कर रहे थे। लेकिन टेलीकंसल्टेशन ने उनकी मेडिकल जरुरत की निरंतरता को बनाये रखने में काफी मदद की है।"


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।