प्रदेश के सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे
प्रदेश के सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों, पशु चिकित्सालय, आयुष चिकित्सालयो, कारागार, श्रम विभाग, विभिन्न स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत फार्मेसिस्ट अपने अधिकार की मांग को लेकर देश के माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन ईमेल के माध्यम से भेजेंगे ।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि आज महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बैठक की गई उन्होंने कहा कि देश में कर्मचारियों की स्थिति गुलामों जैसी है विभिन्न प्रदेशों में कर्मचारी आचरण नियमावली अंग्रेजों के समय की बनी हुई है, जिसे आज तक संशोधित नहीं किया गया । इसी प्रकार ज्यादातर नियमावलियां उसी समय की बनी हुई है, जबकि वर्तमान में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप उसमें अब तक परिवर्तन किया जाना अत्यंत आवश्यक था । कर्मचारियों को संविधान के द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों से भी वंचित होना पड़ रहा है । अभी भी देश में फार्मेसी एक्ट का परिपालन पूरी तरीके से नहीं हो रहा है, फार्मेसिस्ट दोयम दर्जे का कर्मचारी बनकर रह गया है जबकि तमाम विकसित देशों में फार्मेसिस्ट को महत्वपूर्ण दर्जा हासिल है लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी तक इनको उनके मूल अधिकार तक प्राप्त नहीं हो सके हैं । वेतनमान के मामले में प्रदेश के फार्मेसिस्ट अपने समकक्ष कर्मचारियों से पीछे होते जा रहे हैं वही डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप पदों का सृजन नहीं हो पा रहा है । हॉस्पिटल फार्मेसी लगभग समाप्त होती जा रही है जिससे रेडीमेड फार्मेसी के कारण जनता को नुकसान पहुंच रहा है ।
महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को अभी तक राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं है ना ही ट्रेड यूनियन के अधिकार मिल सके हैं ।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक ने बताया कि 2005 के बाद पुरानी पेंशन प्रणाली समाप्त कर नई पेंशन प्रणाली प्रारंभ कर दी गई है जो असुरक्षित है । कर्मचारियों का धन अभी तक सुरक्षित नहीं है एवं कर्मचारियों के मन में अविश्वास की भावना है ।
उपाध्यक्ष ओपी सिंह ने कहा कि जब पूरे देश में एक समान विधान लागू करने की बात माननीय प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं तो देश में एक समान वेतनमान और भत्ते क्यों नहीं होने चाहिए ?
जिला अध्यक्ष एसएन सिंह एवं सचिव जीसी दुबे ने कहा कि कर्मचारियों को लगातार उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है इसलिए 14 अगस्त को सभी कर्मचारी इप्सेफ के आह्वान पर अधिकार दिवस मनाते हुए अपने अधिकारों के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज रहे हैं । उत्तर प्रदेश के लगभग 18000 फार्मेसिस्ट अपनी मांगों से माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए उसके निराकरण की मांग करेंगे । वर्तमान परिवेश में प्रदेश के फार्मेसिस्ट कोरोना के बचाव एवं उसके संक्रमित रोगियों की सेवा में जी जान से लगे हुए हैं ऐसे में फार्मेसिस्टो के वेतन, पदों का सृजन, मानक का निर्धारण आदि बिंदुओं पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय लिया जाना समय के अनुकूल है ।
Comments
Post a Comment