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फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु ग्राम पंचायतों में स्थापित होंगे फार्म मशीनरी बैंक

फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु ग्राम पंचायतों में स्थापित होंगे फार्म मशीनरी बैंक



  • फसल अवशेषों को जलाने के बजाय हो सकेगा बेहतर प्रबन्धन


बहराइच 29 अगस्त। प्रदेश में धान के अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं को देखते हुए मा. उच्चतम न्यायालय तथा मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा कृषकों को सस्ते दरों पर फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सहकारी समितियों/गन्ना समितियों/ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक स्थापना हेतु उपयोगी कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बंध में भारत सरकार द्वारा प्रमोशन आफ एग्री कल्चर मेकेनाइजेशन फार इन सीट मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजना की गाइड लाइन के तहत जनपद में ग्राम पंचायत स्तर पर फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने हेतु लक्ष्य एवं निर्देश भी जारी किये गये है।


यह जानकारी देते हुए उप कृषि निदेशक डाॅ. आर.के. सिंह ने बताया कि फार्म मशीनरी बैंक स्थापना हेतु 31 अगस्त 2020 तक ग्राम पंचायतों से प्रसताव आमंत्रित किये गये हैं। डाॅ. सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर 05 सितम्बर तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा ग्राम पंचायतों का चयन किया जायेगा। प्रत्येक फार्म मशीनरी बैंक की लागत रू. 05 लाख होगी। जिसमें से 20 प्रतिशत अंश ग्राम पंचायत को देना होगा तथा शेष 80 प्रतिशत अधिकतम रू. 04 लाख का अनुदान कृषि विभाग द्वारा ग्राम पंचायत के खाते में अग्रिम रूप से हस्तान्तरित किया जायेगा। 
फार्म मशीनरी बैंक हेतु चिन्हित यंत्रो में पैड़ी, स्ट्राचापर, थे्रडर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर,  हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एम.बी. प्लाऊ, सुपर सीडर, बेलर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (सुपर एस.एम.एस.), जीरो टिल सीड कम फर्टीड्रील, हैप्पी सीडर, स्ट्रा रेक, क्राप रीपर व रीपर कमबाइंडर यन्त्र सम्मिलित हैं। इन यन्त्रों में से कम से कम 02 यंत्रो को क्रय करना अनिवार्य है जिस पर कृषि विभाग से 80 प्रतिशत अनुदान देय है। यंत्रो की सूची एवं उनके अनुमानित मूल्य कृषि विभाग बहराइच से प्राप्त किये जा सकते है।


उप कृषि निदेशक ने बताया कि योजनान्तर्गत इच्छुक ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत का विधिवत प्रस्ताव सहित अपनी सहमति खण्ड विकास अधिकारी अथवा जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से अथवा सीधे उप कृषि निदेशक बहराइच को देना होगा। जिसमें यह उल्लेख होगा कि वह यंत्रों को प्राप्त करने हेतु अपना 20 प्रतिशत अंश देने के लिए सहमत है तथा यंत्रो का समुचित रख-रखाव करेगें तथा इच्छुक कृषकों को किराये पर देने के लिए तैयार है। इस सम्बंध मे केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। साथ में चयनित कृषि यंत्रों की सूची एवं उनके कोटेशन भी उपलब्ध कराना होगा।


चयनित ग्राम पंचायतों की सूची में सम्मिलित ग्राम पंचायतों का नाम, पता एवं बैंक खाते का विवरण, आईएफएसी कोड, चयनित कृषि यंत्रों के नाम एवं कोटेशन के अनुसार अनुमानित मूल्य सम्बन्धित विभाग के नोडल अधिकारी (जिला पंचायत राज अधिकारी) द्वारा उप कृषि निदेशक बहराइच को उपलब्ध करायी जायेगी। जिसे कृषि विभाग में पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। जिसके आधार पर संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) उ.प्र. कृषि भवन लखनऊ द्वारा ग्राम पंचायतों के खाते में अनुदान की धनराशि स्थानान्तरित की जायेगी। धनराशि स्थानान्तरित होने के 01 माह के अन्दर सम्बन्धित ग्राम पंचायतों द्वारा चयनित यंत्र क्रय किये जायेगें। जिसका कृषि विभाग एवं सम्बंधित विभाग के नोडल अधिकारी (जिला पंचायत राज अधिकारी) द्वारा नामित अधिकारियों द्वारा संयुक्त सत्यापन किया जायेगा।


डाॅ. सिंह ने जनपद की सभी इच्छुक ग्राम पंचायतों से अपेक्षा की है कि अपने विधिवत प्रस्ताव, चयनित कृषि यंत्रों की सूची एवं कोटेशन समयान्तर्गत कृषि विभाग को उपलब्ध कराने का कष्ट करंे तथा फसल अवशेष प्रबन्धन तथा फसल अवशेषों को जलाये जाने से रोका जा सके।  


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