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खेल दिवस पर याद किये गये हाकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचन्द 

खेल दिवस पर याद किये गये हाकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचन्द 


बहराइच 29 अगस्त। हाॅकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचन्द के जन्म दिवस ‘‘खेल दिवस’’ के अवसर पर जिला खेल कार्यालय, इन्दिरा गांधी स्पोटर््स स्टेडियम, बहराइच में आयोजित कार्यक्रम में क्रीड़ा अधिकारी ए.आर. अंसारी, उप क्रीडाधिकारी अभिषेक कुमार, जीवन रक्षक नरेश कुमार निषाद, भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन, देवीपाटन मण्डल के महासचिव सरजीत सिंह, जिला कुश्ती संघ बहराइच के सचिव हकीक अहमद, सचिव जिला बैडमिन्टन संघ, राकेश सिंह, सचिव जिला हाकी संध रियाज़ महफूज़, सचिव, जिला फुटबाल संघ अय्यूब शाह, संयुक्त सचिव, जिला क्रिकेट संघ जावेर्दुरहमान सहित अन्य खेल प्रेमियों व स्टेडियम स्टाफ ने मेजर ध्यानचन्द के चित्र पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रृद्धासुमन अर्पित किये।


इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सरतीज सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने हाकी के महान खिलाड़ी के खेल इतिहास पर प्रकाश डालते हुए युवा खिलाड़ियों से अपेक्षा की स्व. मेजर ध्यानचन्द से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े। वक्ताओं ने बताया कि स्वर्गीय मेजर ध्यानचन्द्र जी के जन्म दिवस को खेल दिवस के रूप में पूरे भारत मंे मनाया जाता है, जिसमंे खेलों को बढावा देने व प्रसिद्व खिलाड़ियों को उनके द्वारा राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने मंे उनके सराहनीय योगदान को याद किया जाता है।


हाकी के महान खिलाड़ी ध्यानचन्द का जन्म 1905 को इलाहाबाद में एक साधारण परिवार मंे हुआ ये तीन भाई व चार बहन थे, इनके पिताजी सेना में थे। ध्यानचन्द का प्रारम्भ में हाकी से कोई लगाव नहीं था पिता का अनुकरण करते हुये वर्ष 1922 में ये भी एक सिपाही के रूप में सेना मंे भर्ती हुए। सेना में इनके साथ-साथ एक तिवारी जी थे, उनके द्वारा ही इनको हाकी खेलने का शौक हुआ और हाकी खेलने लगे सेना के अन्दर होने वाली प्रतियोगिताओं में इन्होंने प्रतिभाग किया अपनी लगन व अभ्यास से वर्ष 1928 ओलम्पिक में भाग लेने वाली भारतीय हाकी टीम मे इनका चुनाव हुआ और वर्ष 1928 में अपने उत्कृष्ठ खेल से भारत को स्वर्ण पदक मिला उस समय न तो स्टेडियम और न ही अच्छे कोच फिर भी अपनी मेहनत और लगन के बल पर हाकी के जादूगर कहलाये। वर्ष 1928 के पश्चात 1932 और 1936  के ओलम्पिक में भी इनके नेतृत्व में भारत ने स्वर्ण पदक जीते। स्व. मेजर ध्यानचन्द के भाई रूप सिह व पुत्र अशोक कुमार ने भी ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। कार्यक्रम के अन्त क्रीड़ाधिकारी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।


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