हॉस्पिटल फार्मेसी लागू हो तो मिले सस्ती दवाएं
- चिकित्सालय में बनाए जा सकते हैं सेनिटाइजर, हाइपो सलूशन
- स्वतंत्रता के 73 वर्ष और फार्मेसी स्टोर के अधिकार विषय पर वेबीनार में फार्मेसिस्ट का पदनाम 'फार्मेसी ऑफिसर' करने की मांग उठी
लखनऊ, प्रदेश के चिकित्सालयों में वर्तमान समय में सैनिटाइजर, हाइपो सलूशन, क्लोरीन वाटर, ब्लीचिंग सॉलुशन, आदि की बहुत ज्यादा मात्रा में आवश्यकता पड़ रही है और यह महंगे दामों पर मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है जबकि यदि कच्चा माल उपलब्ध हो जाए तो प्रत्येक चिकित्सालय में हॉस्पिटल फार्मेसी के द्वारा फार्मेसिस्ट बहुत आसानी से यह सभी सामग्रियां तैयार कर सकते हैं, जो बहुत कम मूल्य में तैयार हो जाएंगी और उनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी होगी । इसलिए हॉस्पिटल फार्मेसी का कांसेप्ट एक बार फिर से प्रारंभ किया जाना चाहिए । उक्त विचार राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ द्वारा आयोजित गूगल मीट पर एक वेबीनार में उपस्थित फार्मेसिस्टों द्वारा व्यक्त किए गए । वेबिनार की अध्यक्षता स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन एवं राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने की ।
श्री यादव ने कहा कि आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बाद भी फार्मासिस्ट संवर्ग अभी तक आजाद नहीं हो सका है, ना तो फार्मेसी का अलग निदेशालय है ना ही फार्मेसी संवर्ग के अधिकार उन्हें प्राप्त हो सके हैं । अनेक संवर्गो के पदनाम बदले गए हैं इसी आसार पर 'फार्मेसिस्ट' का पदनाम 'फार्मेसी ऑफिसर' किया जाना चाहिए । बैठक में फार्मेसिस्टों का वेतन ग्रेड पे 4600, फार्मेसी एक्ट 1948 तथा प्रैक्टिस आफ फार्मेसी रेगुलेशन 2015 का पूरी तरह परिपालन कराए जाने की मांग के साथ ही फार्मेसिस्ट का पद नाम बदलेने, 'जहां औषधि-वहां फार्मेसिस्ट' के अनुपालन हेतु पदों का सृजन किए जाने तथा सभी वेटरनरी हॉस्पिटल की फार्मेसी में डिप्लोमा इन फार्मेसी या बेचलर फार्मेसिस्ट की नियुक्ति किए जाने, एलोपैथ के साथ ही आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, वेटेनरी आदि विधाओं में भी पदोन्नति के पद सृजित किए जाने तथा संविदा के फार्मेसिस्टों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर उनका वेतन बढ़ाए जाने तथा उनका भविष्य सुरक्षित किए जाने के 8 सूत्री मांग पत्र पर भी चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि माननीय मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों अनुरोध पत्र भेजे जाएंगे ।
वेबीनार में संयोजक श्री के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, संगठन मंत्री राजेश कुमार सिंह, फार्मेसी काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सदस्य अनिल प्रताप सिंह,डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता अनिल कुमार सचान, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जनपद अध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, विभिन्न मंडलों के मंडलीय सचिव, जोनल कोऑर्डिनेटर, जनपद के अध्यक्ष व मंत्री प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। देवरिया के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 24 घंटे चलाने के लिए वहां पर कम से कम 3 पद किए जाने चाहिए, वही संगठन स्तर पर एक चिंतन समिति बनाने का भी सुझाव दिया गया । श्री अनिल सचान ने कहा कि वर्तमान में पुरानी पेंशन का मुद्दा महत्वपूर्ण मुद्दा है, वही ट्रामा सेंटर में पदों का सृजन किया जाना भी महत्वपूर्ण है, कुछ जनपदों में फार्मेसिस्ट साथी कोरोना से शहीद हो गए हैं, उनके परिवार को राहत राशि प्राप्त नहीं हुई है, चिकित्सा कर्मियों को संक्रमित होने के उपरांत चिकित्सालय में उनके लिए बेड आरक्षित किए जाने की भी मांग रखी गई । सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि एल1 चिकित्सालयो में कर्मियों को अत्यंत खराब भोजन दिया जा रहा है। राजेश सिंह ने कहा कि अभी तक 100 बेड से ऊपर के चिकित्सालयों का मानक नहीं बना है इसलिए 200 और 300 बेड के चिकित्सालय बनने पर भी उतने ही पद सृजित किए जा रहे हैं जितने कि 100 बेड के चिकित्सालयों में सृजित होते हैं, जिससे चिकित्सालय का संचालन प्रभावित होगा । पूर्वी जोन के जोनल कोऑर्डिनेटर एवं उन्नाव के अध्यक्ष अवनेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सीनियारिटी लिस्ट तत्काल अधुनान्त की जानी चाहिए । बलिया के अध्यक्ष अरुण सिंह ने कहा कि नई नियुक्तियां तत्काल की जाए एवं रिक्त पदों पर प्रोन्नत भी की जानी चाहिए। होम्योपैथ फार्मेसिस्ट संघ के महामंत्री शिव प्रसाद ने कहा कि अभी तक होम्योपैथी फार्मेसी में फार्मासिस्ट के पदोन्नति के एक भी पद नहीं है, जबकि कार्मिक के सिद्धांतों के अनुरूप किसी भी संवर्ग में पदोन्नत के 3 पद अनिवार्य रूप से किए जाने चाहिए । वहीं उन्होंने होम्योपैथ में विभागाध्यक्ष ना होने के कारण पेंशनरों का भुगतान ना हो पाने पर चिंता जताई । पशुपालन चिकित्सालय के फार्मेसिस्ट पंकज सिंह, सत्य प्रकाश एवं प्रेम ने कहा कि पशुपालन में अधिकांश पद रिक्त पड़े हुए हैं लेकिन नियमानुसार वहां पर नियुक्तियां नहीं की जा रही है, जिससे एक एक फार्मासिस्ट तीन से चार डिस्पेंसरी एवं चिकित्सालयों का प्रभार देख रहे हैं और उन्हें आर्थिक तथा मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । साथ ही इससे जनहित भी प्रभावित हो रहा है । संविदा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के श्री प्रवीण यादव ने कहा कि संविदा के फार्मेसिस्टों का वेतन बहुत कम है साथ ही उनका भविष्य अंधकार में है इसलिए इनको स्थाई किया जाने की योजना बनाई जानी चाहिए तथा पद के अनुरूप वेतन भी दिया जाना चाहिए । आयुष द्वारा मुद्दा उठाया गया कि आयुर्वेद दवाओं के निर्माण एवं बिक्री के लिए भी आयुर्वेदिक फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता की जानी चाहिए ।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 सूत्री मांग पत्र से माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की जाएगी साथ ही सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी सहित जो स्थानीय समस्याएं हैं वहां पर स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर उन से अनुरोध किया जाएगा कि समस्याओं का निराकरण करें । सीनियारिटी लिस्ट के लिए श्री अवनेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बना दी गई जो आवश्यक दस्तावेज एकत्रित कर सीनियारिटी लिस्ट बनाने में एसोसिएशन, महानिदेशालय तथा महासंघ का सहयोग करेगी । महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि फार्मेसिस्टो का पदनाम फार्मेसी अफसर किया जाना समयानुकूल है एवं महाराष्ट्र व पंजाब सरकार ने फार्मेसिस्ट का पद नाम चेंज भी कर दिया । इस मांग में सरकार का कोई वित्तीय भार नहीं आएगा , लेकिन इससे संवर्ग का सम्मान बढ़ जाएगा और इससे फार्मेसिस्ट पूर्ण मनोयोग के साथ सेवा करेंगे द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के बाद वेबीनार संपन्न हुआ ।
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