विधान सभा अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टण्डन के निधन पर शोक प्रकट किया
लखनऊः 21 जुलाई 2020
उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल, श्री लालजी टण्डन के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। श्री दीक्षित ने कहा कि श्री लालजी टण्डन मेरे संरक्षक थे। उनका मेरे ऊपर सदैव स्नेह भाव रहा है। उन्होंने श्री लालजी टण्डन के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया।
श्री अध्यक्ष ने कहा कि श्री लालजी टण्डन एक जनप्रिय नेता थे। संसदीय प्रतिभा के धनी थे। उनका संसदीय कौशल विधान सभा व लोकसभा में सदैव याद किया जायेगा। उन्होंने अपनी राजनैतिक जीवन की शुरूआत जनसंघ के एक साधारण कार्यकर्ता से प्रारम्भ की। जनसंघ को लखनऊ में लोकप्रिय बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे पं0 दीनदयाल उपाध्याय के निकट थे। डा0 राममनोहर लोहिया सहित वाम विचार के नेताओं से भी उनकी मित्रता थी। वे सहज सरल व्यक्तित्व के धनी थे। 1996 के मध्याविधि चुनाव में प्रथम बार, फरवरी 2002 में दूसरी बार तथा अप्रैल-मई 2007 के सामान्य निर्वाचन में तीसरी बार लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ही आप विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 1978 से 1984 तक तथा 1990 से अक्टूबर 1996 तक भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद के सदस्य भी रहे। वर्ष 1991 में प्रथम बार श्री कल्याण सिंह के मंत्रिमण्डल में ऊर्जा मंत्री के रूप में सम्मिलित हुए। तदोपरांत सुश्री मायावती, श्री रामप्रकाश एवं श्री राजनाथ सिंह के मंत्रिमण्डल में विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री के रूप में रहे। मई 2007 में नेता विपक्ष के रूप में अपना दायित्व निभाया। वह लखनऊ में अटल जी के बाद सांसद चुने गये। इसके उपरांत बिहार एवं मध्यप्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन किया।
उनके निधन से पूरे राजनीतिक क्षेत्र को सदमा पहुंचा है। उनके कार्यकर्ताओं के प्रति प्यार, स्नेह एवं सदैव सहयोगी स्वभाव मस्तिष्क पटल से भुलाये नहीं भुलेगी।
श्री दीक्षित ने श्री टण्डन के ज्येष्ठ पुत्र श्री आशुतोष टण्डन, मा0 मंत्री नगर विकास सहित उनके अन्य परिवार के सदस्यों को इस संकट की घड़ी में सांत्वना प्रदान करते हुये दिवंगत आत्मा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
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