मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में केन्द्रीय औषधीय एवं सगन्ध पौधा संस्थान (सी मैप) कुकरैल पिकनिक स्पाट रोड़, खुर्रमनगर लखनऊ में एक बैठक सम्पन्न हुयी
मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में केन्द्रीय औषधीय एवं सगन्ध पौधा संस्थान (सी मैप) कुकरैल पिकनिक स्पाट रोड़, खुर्रमनगर लखनऊ में एक बैठक सम्पन्न हुयी
लखनऊ- मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में केन्द्रीय औषधीय एवं सगन्ध पौधा संस्थान (सी मैप) कुकरैल पिकनिक स्पाट रोड़, खुर्रमनगर लखनऊ में एक बैठक सम्पन्न हुयी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल, निदेशक सी मैप डा0 प्रबोध कुमार त्रिवेदी, उप निदेशक कृषि डा0 सी0पी0 श्रीवास्तव सहित सीमैप के विशेषज्ञ व सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
मण्डलायुक्त ने कहा कि कोरोना (कोविड-19) के कारण विश्व स्तर पर प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये आर्युवेदिक पद्धति की लोक प्रियता बढ़ी है। जिसके क्रम में मण्डल के जनपदों में ऊसर, बंजर व परती जमीनों को मनरेगा से उपयोगी बनाकर उन पर औषधीय पौधों की कृषि प्रारम्भ की जा सकती है। इसके अतिरिक्त निराश्रित गौ आश्रय स्थलों व चारागाहों तथा नगरीय क्षेत्र के पार्कों में औषिधीय पौधों को बृहद स्तर पर वर्षाकाल के इस मौसम में रोपित करने के लिये कार्य किया जाना है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सी मैप के जरिए किसानों की ट्रेनिंग कराकर उनकों उन्नत किस्मों की पौध वितरण कराकर जीवामृत का उपयोग कराते हुए कृषि कार्य कराया जाए।औषधीय कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग कराने के उपरांत सही दामों में बाजार तक इन्हें पहुचाने की आवश्यकता है ।इसके लिये एम॰एस॰एम॰ई॰, खादी और ग्राम उद्योग, वन , उद्यान, ग्राम विकास विभाग, डूडा विभाग मिलकर काम करे। स्टार्ट अप के उद्यमी इसमें जुड़ेंगे।आज उद्योग आधारित औषधीय पौधों की कृषि की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग, उद्यान विभाग, आयुष विभाग व सीमैप मिलकर एक कार्य योजना तैयार करें और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मण्डल के सभी छः जनपदों में अलग-अलग एक प्रोजेक्ट डिमास्टेशन के रूप में विकसित किया जायें।
बैठक के पश्चात मण्डलायुक्त ने सीमैप की नर्सरी, मानव उपवन, केमिकल इंजीनियरिंग वर्कशाप, प्रयोगशाला, उत्पाद भण्डारण कक्ष, गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला,पायलट सयंत्र का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण में सीमैप के विशेषज्ञों द्वारा अवगत कराया गया कि सिमेप द्वारा मेन्था की बैरायटी विकसित की गयी है जिसमें 80 प्रतिशत तेल निकलता है उस वैरायती को किसानों को कृषि करने हेतु उपलब्ध कराया जायेगा। तालाबों के बन्धों पर मिट्टी का ठहराव रोकने के लिये लेमन ग्रास का पौधा लगाया जा सकता है ।सीमैप द्वारा एक रूपये में एक पौधा उपलब्ध कराया जा सकता है। मण्डलायुक्त ने कहा कि किसानों व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लेमन ग्रास व सहजन की नर्सरी विकसित की जा सकती है।
उन्होंने मानव स्वास्थ्य उपवन का निरीक्षण करते हुये कहा कि आधुनिक चिकित्सा में पौध स्त्रोतों से औषधियों की खोज पूरे विश्व स्तर पर ऊचाईयां प्राप्त कर रही है। विभिन्न कारणों वश बहुत सी जीवन यापिनी पादप प्रजातियां विलुप्तावस्था के कगार पर पहुंच गयी है जिनकी आज संरक्षण की परम आवश्यकता है। इस उपवन में मानव शरीर के विभिन्न अंग-प्रत्यगों के रोग निवारण में लाभकारी औषधीय पौध, गुण-धर्म के आधार पर रोपित किये गये है।
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