मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टण्डन जी को भावभीनी श्रद्धाजंलि
21 जुलाई, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टण्डन जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुये दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान प्रदान करें, उनकी आत्मा को शान्ति प्राप्त हो। माँ गंगा उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी को सहने की शक्ति प्रदान करंे।
स्वामी जी ने कहा कि श्री टण्डन जी के विचार राष्ट्रभक्ति और देशप्रेम से ओतप्रोत थे। वे भारत ऐसे लाल थे, जिनकी चाल, ढ़ाल, आचार-विचार सब भारतीय संस्कृति मंे रचा बसा था। हमारी जब भी उनसे चर्चा हुई उसमें हमेशा राष्ट्रप्रेम झलकता था; टपकता था उनके जीवन के कण-कण में राष्ट्रप्रेम विराजमान था। प्रयागराज कुम्भ मेले में वे मेरे पास आये हमारी अनेक विषयों पर चर्चा हुई उनको इतना अच्छा लगा वहां आकर वे बोले मैं यहां आकर गद्गद हो गया।
प्रयागराज कुम्भ में लगे परमार्थ निकेतन शिविर के वातावरण और क्लीन-ग्रीन कुम्भ का दर्शन कर वे अभिभूत हो गये। वहां पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उन्होंन दर्शन किया, कई देशों से आये साधकों से मिले। हमने देखा की उनकी आखों की पलकें ही नहीं बल्कि हृदय की पलकंे भी संर्कीतन और वेद मंत्रों का उच्चारण करते-करते भीग जाती थी। हमने उस समय भक्तिभाव में डुबे उनके हृदय के भावों को देखा। कुम्भ में श्री टण्डन जी ने हम सभी के साथ वहां की आध्यात्मिक गतिविधियों का दर्शन करते हुये कहा था वाह! क्या बात है और आज मैं उनके लिये कहूंगा वाह! क्या जीवन था, क्या जीवन जिया और वाह! क्या बात है। जीवन को श्रेष्ठता से जीने वाले श्री टण्डन जी हमारे बीच नहीं है लेकिन उन्होेंने अपने जीवन से जो शिक्षायेें दी वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देेते रहेगी। स्वामी जी ने श्री टण्डन जी को मौन श्रद्धाजंलि अर्पित की।
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