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जनपद कानपुर में घटित घटना की जांच एस.आई.टी. 09 बिन्दुओ पर करेगी

जनपद कानपुर में घटित घटना की जांच एस.आई.टी. 09 बिन्दुओ पर करेगी



  • घटना के बारे में कोई भी जानकारी विभागीय वेबसाइट एवं दूरभाष पर दी जा सकती है


लखनऊ दिनांक: 17 जुलाई, 2020


उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद कानपुर नगर में घटित घटना की जांच के सम्बन्ध में तीन सदस्यीय विशेष अनुसंधान दल (एस.आई.टी.) का गठन किया है। गठित समिति के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, श्री संजय आर0 भूसरेड्डी (आई.ए.एस.) होंगे तथा अपर पुलिस महानिदेशक, श्री हरिराम शर्मा तथा पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री जे. रविन्दर गौड़ को सदस्य बनाया गया है।
यह समिति अपनी जांच पूर्ण करके 31 जुलाई, 2020 तक जांच आख्या शासन को उपलब्ध करायेगी। इस घटना के सम्बन्ध में 09 बिन्दुओ पर जांच की जायेगी।


1. पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आये कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित है उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी? इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु कृत कार्यवाही क्या पर्याप्त थी़? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी? मु0अ0सं0ः 65/2020 के आलोक में जमानत निरस्तीकरण की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?
02. अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चैबेपुर द्वारा तथा जिला के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जाँच की गयी व पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी इसका विस्तृत परीक्षण करना।


03. अभियुक्त विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एन0एस0ए0 आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही?


04. अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के पिछले 01 वर्ष के सी.डी.आर. का परीक्षण करना एवं उसके सम्पर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कड़ी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करना।


05. घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थानें में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। इस तथ्य को भी जाँच करना एवं दोषी यदि कोई हो तो चिन्ह्ति करना।


06. विकास दुबे एवं उसके साथियों के पास शस्त्र लाइसेंस एवं शस्त्र होना ज्ञात हुआ है। यह देखा जाना होगा कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी इनका हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करनें के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा?


07. अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाये करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई, लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी है?


08. अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा क्या सरकारी तथा गैरसरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हां तो इसमें क्या अधिकारियों की भी भूमिका है तथा वह अधिकारी कौन.कौन है, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाय। अवैध कब्जा हटवाना जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी, यदि उनके द्वारा अवैध कब्जा नही हटवाया गया है तो उनका भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाना सुनिश्चित किया जाय।


09. इस प्रकरण के अभियुक्तों व उनके साथियों के साथ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता तथा अभियुक्तों व उनके फाइनैन्सर्स की सम्पत्तियों व आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग से कराने पर भी विशेष अनुसंधान दल (एस.आई.टी.) द्वारा अभिमत उपलब्ध किया जाय।
 इस जाँच की कार्यवाही अपर मुख्य सचिव, श्री संजय आर0 भूसरेड्डी के कार्यालय कक्ष संख्या-401, चतुर्थ तल, बापू भवन, उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में सम्पादित की जायेगी तथा जाँच हेतु घटना से सम्बन्धित अभिलेख, कथन व साक्ष्य उपलब्ध कराने हेतु जनसामान्य, जनप्रतिनिधि, इत्यादि द्वारा पत्र व्यवहार हेतु उक्त पता, ई-मेल ेपज.ांदचनतध्नचण्हवअण्पद एवं (एस.आई.टी.) के दूरभाष संख्या- 0522-2214540 का उपयोग करके कार्यालय में प्रवेश किया जा सकता है। इसके साथ ही व्यक्तिगत रूप से मिलकर साक्ष्य आदि उपलब्ध कराने हेतु दिनांक 20 जुलाई, 2020 से 24 जुलाई, 2020 तक उक्त इंगित कार्यालय में अपरान्ह 12ः00 बजे से अपरान्ह 02ः00 बजे के मध्य सम्पर्क किया जा सकता है।


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