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कन्सॉलिडेटेड गाइडलाइन्स पुनः जारी की गयी हैं

कन्सॉलिडेटेड गाइडलाइन्स पुनः जारी की गयी हैं


आदेश दिनांक 14 अप्रैल, 2020 के द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत दिनांक 03 मई, 2020 तक लागू रहेगा।


गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश संख्या 40-3/2020-डीएम-1 (ए) दिनांक 15 अप्रैल, 2020 के अनुसार कोविड-19 महामारी के नियंत्रण हेतु लागू किया गया देशव्यापी लॉक डाउन, आदेश दिनांक 14 अप्रैल, 2020 के द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत दिनांक 03 मई, 2020 तक लागू रहेगा।


उपरोक्त के क्रम में कन्सॉलिडेटेड गाइडलाइन्स पुनः जारी की गयी हैंआमजन की समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा कतिपय निर्धारित अतिरिक्त गतिविधियों को दिनांक 20 अप्रैल, 2020 से संचालित किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। इन गतिविधियों के सम्बन्ध में यह शर्त रखी गयी है कि सम्बन्धित गतिविधियाँ कन्टेनमेंट जोन/हॉट स्पाट्स में लागू नहीं होंगी एवं यदि कोई नया हॉट स्पाट शामिल किया जाता है तो वहॉ पूर्व में दी गयी अनुमति स्थगित हो जायेगी। उपरोक्त आधार पर यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश में यदि कोरोना का एक भी केस किसी क्षेत्र में पाया जाता है तो उस क्षेत्र में हॉट स्पाट्स निर्धारित करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक, उ.प्र. के आदेश संख्या डीजी-आठ-93(03)2020 दिनांक 08 अप्रैल, 2020 एवं गृह विभाग, उ.प्र. शासन के आदेश संख्या 247/2020-सीएक्स-3 गृह(गोपन) अनुभाग-3 दिनांक 14 अप्रैल, 2020 द्वारा भी इस सन्दर्भ में जारी किये गये आदेश को वर्तमान में निर्गत लॉक डाउन पीरियड तक निम्न कार्य नहीं किये जायेंगे:


1. प्रतिबन्धः


1. समस्त घरेलू /अंतर्राष्ट्रीय उड़ान 2. समस्त रेलयात्री, सुरक्षा सम्बन्धी छोड़करबस एवं पब्लिक ट्रांसपोर्ट मेट्रो रेल सर्विस अंतरजनपदीय/अंतर्राज्यीय मूवमेंट केवल चिकित्सकीय कारणों/कार्यों को छोड़कर समस्त शैक्षणिक संस्थायें/ ट्रेनिंग एवं कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं खुलेंगे। __ औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियॉ, जिनकी अनुमति हैं, को छोड़कर शेष बन्द रहेंगेहास्पिटेलिटी सर्विसेज की अनुमति नहीं रहेगी, केवल जिनको विशेष अनुमति हो। समस्त टैक्सी, ऑटोरिक्शा एवं साइकिल रिक्शा एवं कैब सर्विसेजसमस्त सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स, जिमनेजियमस, स्पोर्टस काम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल्स, इन्टरटेन्मेंट पार्क, थियेटर, बार एवं ऑडिटोरियम, असेम्बली हॉल्स एवं अन्य बन्द रहेंगे 11. समस्त सामाजिक/राजनैतिक/खेल/ मनोरंजन/शैक्षणिक/संस्कृति /धार्मिक कार्यक्रम/अन्य समारोह नहीं होंगे12. समस्त धार्मिक स्थल आमजन के लिए बन्द रहेंगे एवं धार्मिक कार्यों से कोई इकट्ठा नहीं होंगे। 13. मृतकों के अंतिम संस्कार में 20 व्यक्ति से ज्यादा नहीं होंगे।


2.  हॉट स्पाट्स तथा कन्टेनमेंट जोन में दिशा निर्देशों का कियान्वयनः


प्रदेश में दिनांक 14 अप्रैल, 2020 तक 45 जनपदों में कोविड के मामले थे, जिनके आधार पर हॉट स्पाट निर्धारित किये गये हैं। इनका निर्धारण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार के गाइडलाइन्स एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार किया जाये।


, यदि कहीं भी कोविड़ मामले आते हैं तो ऐसे स्थानों को स्वतः ही हॉट स्पाट तय करते हुए प्रत्येक हॉट स्पाट के लिए मजिस्ट्रेट एवं क्षेत्राधिकारी की नियक्ति की जायेगी। हॉट स्पाट की बैरीकेडिंग की जायेगी। स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी व्यवस्था एवं आवश्यक सामग्रियों की सप्लाई एवं पुलिस की व्यवस्था के अलावा कोई भी सेवा वहाँ पर नहीं की जायेगी।


इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि जहाँ कोविड-19 के संक्रमण का एकल प्रकरण हों, वहाँ 01 किलोमीटर का दायरा कन्टेनमेन्ट जोन होगा तथा जहाँ एक से अधिक कोविड-19 के संक्रमण के प्रकरण हों, अर्थात् क्लस्टर हो, वहाँ 03 किलोमीटर का कन्टेनमेंट जोन एवं 02 किलोमीटर का बफर जोन होगा। जिला मजिस्ट्रेट कन्टेनमेंट जोन में इंगित 03 गतिविधियों (आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, चिकित्सकीय टीम एवं सेनिटाइजेशन टीम) के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की अनुमति नहीं देंगे। 28 दिनों तक कोई संक्रमण प्राप्त नहीं होने पर हॉट स्पॉट ग्रीन जोन में परिवर्तित हो जायेगा


20 अप्रैल, 2020 से प्रदेश में निम्न गतिविधियों को अनुमति दी जायेगीसभी गतिविधियाँ भारत सरकार की गाईडलाइन्स के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के अनुसार की जायेगी:


स्वास्थ्य सेवाएं (आयुष सहित) सशर्त कियाशील रहेंगी:


1. चिन्हित अस्पतालों में इमरजेन्सी सेवायें सक्षम स्तर से अनुमति के बाद संचालित होंगी। सभी अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई व संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में अनिवार्य रूप से रहेंगे। बिना कोविड-19 के नियंत्रण प्रशिक्षण व सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन नहीं होगाचिकित्सा संस्थानों में स्टाफ को संक्रमण से सुरक्षा व सभी प्रबन्ध उपलब्ध होने एवं डाक्टरों सहित चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित होने पर जिला प्रशासन अनुमति देगा।


2. टेलीमेडिसिन के माध्यम से टेली कंसलटेन्सी व चिकित्सकीय परामर्श 3. डिस्पेंसरीज, केमिस्टस, फार्मेसीज, जनऔषधि केन्द्र और मेडिकल उपकरण - की दुकानों सहित सभी प्रकार की दवा की दुकानें 4. चिकित्सा प्रयोगशालाएं और संग्रह केन्द्र । 5. फार्मास्युटिकल और मेडिकल रिसर्च लैबस, कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान करने वाले संस्थान। 6. पशु चिकित्सा अस्पताल, औषधालय, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, वैक्सीन और दवा की बिक्री और आपूर्ति 7. प्राधिकत निजी प्रतिष्ठान, जो आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था के सहभागी हो या कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयास करते हैं, जिसमें होम केयर प्रोवाइडर, डायग्नोस्टिक्स, अस्पतालों में आपूर्ति करने वाली फर्मे शामिल हैं8. दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, चिकित्सा आक्सीजन की विनिर्माण इकाइयॉ, उनके पैकेजिंग सामग्री, कच्चे माल और मध्यवर्ती सामग्री का उत्पादन। 9. चिकित्सा/स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढांचे का निर्माण जिनमें एम्बुलेंस भी शामिल हैं। 10. आवागमन (राज्य के अन्दर और बाहर)- सभी चिकित्सा और पशु चिकित्सा कर्मियों, वैज्ञानिकों, नों, पैरा मेडिकल स्टाफ, लैब तकनीशियन, मिड वाइफस व अन्य अस्पताल सहायता सेवाएँ, जिनमें एम्बुलेंस भी शामिल हैं


कृषि और संबंधित गतिविधियाँ :


अ) सभी कृषि और बागवानी गतिविधियाँ पूरी तरह कियाशील बनी रहेंगी, यथा :


1. किसानों/कृषि श्रमिकों द्वारा संचालित समस्त कृषि कार्य । 2. एमएसपी सहित कृषि उत्पादों की खरीद में लगी हुई एजेंसियाँ3. कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा संचालित या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित, राज्य सरकार या उद्योग द्वारा संचालित विपणन क्रियायें, ऐसे किसान/किसानों के समूह जो सीधे विपणन कियाओं का संचालन करते हैं/FPO कोआपरेटिव आदि। इसके अतिरिक्त राज्य सरकारें ग्राम स्तर पर विकेन्द्रीकृत विपणन एवं खरीद को बढ़ावा दे सकती हैं4. कृषि मशीनरी की दुकानें एवं इसके स्पेयर पार्ट्स (इसकी आपूर्ति श्रृंखला सहित), इनसे सम्बन्धित मरम्मत की दुकानें5. फार्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर6. उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों का विनिर्माण एवं खुदरा वितरण। 7. फसलों की कटाई/बुआई आदि से संबंधित कृषि मशीनें जैसे कम्बाइन हार्वेस्टर एवं अन्य कृषि/उद्यान के उपकरणों का आवागमन (राज्य के अन्दर और बाहर)।


मत्स्य पालनः


निम्नलिखित गतिविधियाँ क्रियाशील रहेंगी -


1. मछली पकड़ने (समुद्री और अंतर्देशीय)/जलीय कृषि उद्योग भी क्रियाशील होंगे जिसमें फीडिंग और रखरखाव, कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड चेन बिकी और विपणन शामिल हैं। 2. हैचरी, चारा संयंत्र, वाणिज्यिक एक्वैरिया3 मछली/झींगा और मछली उत्पादन, मछली बीज/चारा और इनमें संलग्न श्रमिकों का आवागमन।


पशुपालनः


निम्नलिखित गतिविधियॉ क्रियाशील होंगीः


1. दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों द्वारा दूध और दुग्ध उत्पादों का संग्रह, प्रसंस्करण, वितरण और बिकी, जिसमें परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला भी शामिल हैं। 2. पोल्ट्री फार्म, हैचरी और पशुधन गतिविधियों सहित पशुपालन फार्मों का संचालन। 3. मक्के और सोया जैसे कच्चे माल की आपूर्ति सहित पशु आहार विनिर्माण4. गौशालाओं सहित पशु आश्रय गृहों का संचालन :


वित्तीय क्षेत्रः


1. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और RBI द्वारा विनियमित वित्तीय बाजारों और संस्थाओं जैसे NPCI, CCIL, भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों और स्टैंड एलोन प्राथमिक डीलर 2. बैंक शाखाएं और एटीएम, बैकिंग संचालन हेतु आईटी वेन्डर्स, बैंकिग correspondents, एटीएम संचालन और नगदी प्रबन्धक एजेन्सियाँ - (अ) बैंक शाखाओं को डीबीटी नकद हस्तान्तरण के पूर्ण होने तक सामान्य कार्य घण्टों के अनुसार काम करने की अनुमति(ब) स्थानीय प्रशासन द्वारा बैंक शाखाओं के संचालन के समय पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी और बैंक-ग्राहकों द्वारा social distancing, और शान्ति व्यवस्था बनाए रखी जाएगी, बैंक प्रबन्धन ग्राहकों की भीड़ न होने देने के लिए ग्राहकों को समूह में बाँटकर उन्हें अलग-अलग समय नियत कर कार्य-निस्तारण करेंगेI 3. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) एवं सेबी द्वारा अभिसूचित पंजी एवं ऋण बाजार सेवायें। 4. IRDAI और बीमा कम्पनियाँ


सामाजिक क्षेत्रः


निम्नलिखित गतिविधियाँ कियाशील रहेंगी -


1. बच्चों/दिव्यॉग/मानसिक रूप से कमजोर/वरिष्ठ नागरिकों/निराश्रितों /महिलाओं/विधवाओं के लिए गृहों का संचालन। 2. Observation homes, after care homes और किशोर गृह 3. सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण यथा वृद्धावस्था/विधवा/स्वतंत्रता सेनानी पेंशन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रदान की गयी पेंशन और भविष्य निधि सेवायें।


आंगनवाड़ियों का संचालनः


लाभार्थियों अर्थात बच्चों, महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को घर पर ही 15 दिनों में एक बार खाद्य पदार्थों और पोषण का वितरणलाभार्थी आंगनबाड़ी के नियमित क्रियाकलापों में भाग नहीं लेंगे। लाभार्थियों अर्थात बच्चों, महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को घर पर ही 15 दिनों में एक बार खाद्य पदार्थों और पोषण का वितरणलाभार्थी आंगनबाड़ी के नियमित क्रियाकलापों में भाग नहीं लेंगे।


आनलाइन शिक्षा/दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा दिया जानाः


1. समस्त शैक्षिक, प्रशिक्षण एवं कोचिंग संस्थान बन्द रहेगे। 2. उक्त संस्थान आनलाइन शिक्षा के माध्यम से शैक्षिक समय सारणी बनाये रखेंगे। 3. दूरदर्शन तथा अन्य शैक्षिक चैनलों का शिक्षा के उददेश्य के लिए अधिकतम उपयोग किया जाय


बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा, नर्सिंग, पैरा मेडिकल आदि की शिक्षा में ऑन लाईन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाये। ऑन लाईन शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित और वृहद रूप दिया जाये जिससे लॉक डाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़ेI


मनरेगा के अन्तर्गत कार्यो को अनुमतिः


सोशल डिस्टेन्सिग व फेस मास्क पहनने का कड़ाई से पालन करते हुये मनरेगा के कार्यो को अनुमति दी जाये। जल संरक्षण एवं सिंचाई के कार्यो को मनरेगा के अन्तर्गत प्राथमिकता दी जाये। 3. केन्द्र एवं राज्य सरकार की जल संरक्षण एवं सिंचाई के क्षेत्र की योजनाओं के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यों को भी मनरेगा के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाये।


सार्वजनिक उपयोगिता के क्षेत्र निम्नवत क्रियाशील रहेंगेः


1. तेल एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र का संचालन, जिसमें शोधन, परिवहन, वितरण, भण्डारण तथा उनका रिटेल विक्रय यथा (पेट्रोल, डीजल केरासीन, सी०एन०जी०, एल०पी०जी०, पी0एन0जी0 आदि)। 2. ऊर्जा क्षेत्र में उत्पादन, पारेषण तथा वितरण क्षेत्र हेतु समस्त कार्य क्रियाशील रहेंगे। विशेष रूप से विद्युत वितरण निगम के मीटर रीडरों को विशेष पास निर्गत किये जायेंगे। 3. डाक सेवा जिसमें डाकघर भी निहित है। 4. नगर निकाय तथा स्थानीय निकाय स्तर पर पेयजल, स्वच्छता एवं कूड़ा प्रबन्धन आदि का संचालन5. दूरसंचार तथा इंटरनेट सेवाओं का संचालन


माल एवं वस्तुओं के यातायात तथा उसके लोडिंग-अनलोडिंग की अनुमति निम्नवत रहेगीः


1. समस्त मालवाहक यातायात को अनुमति रहेगी2. माल एवं पार्सल रेलगाड़ी का संचालन होगा3. हवाई यातायात में राहत-बचाव तथा माल के परिवहन अनुमति रहेगी4. समुद्री बन्दरगाहों तथा जलमार्गों के माध्यम से मालवाहक पोतों का यातायात आदि जिसमें कस्टम क्लियरेंस आदि अन्य औपचारिकतायें निहित है5. आवश्यक वस्तुओं जिसमे पेट्रोलियम पदार्थ, रसोई गैस खाद्य पदार्थ, चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति निहित है, का परिवहन एवं संचालन होगा


आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निम्नवत अनुमन्य रहेगाः


1. आवश्यक वस्तुओं के आपूर्ति श्रृंखला की समस्त सुविधायें चाहे वह उनके विनिर्माण से संबन्धित हो या उनके थोक एवं फुटकर विक्रय से संबन्धित हो, ऐसे समस्त बड़े एवं छोटे स्टोर अथवा ई-कामर्स कम्पनियों को व्यवसाय की अनुमति कड़ाई से सोशल डिस्टेंन्सिग के पालन की शर्त के साथ दी जायेगी। 2. ऐसी दुकानें जिसमें किराना अथवा अन्य आवश्यक वस्तुओं का विक्रय किया जाता है, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें, खाद्य तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, फल-सब्जी, दूध एवं अन्य डेयरी प्रोडक्ट,मीट-मुर्गा, मछली की दुकानें, पशुओं के चारे आदि की दुकानो के संचालन की अनुमति कड़ाई से सोशल डिस्टेंस रखने की शर्त के साथ प्रदान की जाएगी। यहां भी उनके खोलने एवं बन्द करने के समय का प्रतिबन्ध नही रहेगा। 3. जिला प्रशासन आवश्यक वस्तुओं के होम डिलवरी के क्रिया-कलापों को बढ़ावा देगा, ताकि लोगों के घरों से बाहर जाने की गतिविधियों को न्यूनतम किया जा सकेI


वाणिज्य और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान


सूची निम्नवत् है, क्रियाशील रहेंगे:


1. प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रसारण, डीटीएच एवं केबिल सेवायें 2 आई0टी0 एवं आई0टी0 संबंधी सेवायें - पचास प्रतिशत कार्य-क्षमता के साथ। 3. डेटा एवं कॉल सेन्टर्स केवल सरकारी कार्यकलापों हेतु 4. सरकारी मान्यता प्राप्त ग्राम पंचायत स्तर पर जन सेवा केन्द्र 5. ई-वाणिज्यिक कम्पनियाँ एवं ई-वाणिज्यिक ऑपरेटर्स द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले वाहन आवश्यक अनुमति के द्वारा प्रयोग में लाये जा सकते है। 6. कोरियर सेवायें। 7. बन्दरगाह, हवाई अडडे, रेलवे स्टेशन, कन्टेनर डिपोपर स्थित शीत गृह/भण्डार गृह, एकल यूनिट और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी अन्य इकाई के संचालन की अनुमति रहेगीनिजी सुरक्षा सेवायें और सुविधा प्रबन्धन सेवायें जो कार्यालयीय एवं आवासीय रख-रखाव से सम्बन्धित है। 9. ऐसे होटल और होमस्टे, लॉज, मोटेल ऐसे जहाँ पर्यटक/ यात्री लॉकडाउन के कारण फँसे है अथवा लिया गया है, मेडिकल एवं आपातकालीन स्टॉफ, हवाई एवं समुद्री जहाजकर्मी10. क्वारन्टाइन सुविधा के लिये चिन्हित/उपयोग में लाये गये स्थल 11. स्वनियोजित व्यक्तियों यथा इलेक्ट्रीशियन, आई0टी0 रिपेयर्स, प्लम्बरर्स, मोटर मैकेनिक एवं बढ़ई


औद्योगिक/औद्योगिक प्रतिष्ठान (सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठान):


1. ग्रामीण क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयाँ (जो नगर निकायों की सीमा से बाहर हैं) 2. SEZ, Export Oriented Units, औद्योगिक आस्थानों तथा औद्योगिक नगरियों में स्थित access control युक्त औद्योगिक इकाइयाँ परन्तु इन्हें यथा सम्भव अपने कामगारों को अपनी ही इकाई में अथवा आस पास ठहराने का प्रबंध करना होगा। कामगारों को ऐसी इकाईयों द्वारा लगाये गये इस हेतु विशेषतया निर्धारित वाहनों द्वारा लाया जायेगा3. ग्रामीण क्षेत्र में स्थित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयाँ4. आई0टी0 हार्डवेयर की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयाँ5. सतत् प्रक्रिया वाली इकाइयाँ। 6. सभी प्रकार के पैकेजिंग मैटेरियल की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयाँ। 7. स्थानीय नगर निकायों की सीमा से बाहर स्थित कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट तथा औद्योगिक आस्थानों में स्थित कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट । 8. रिन्यूवेबिल ऊर्जा से संबंधित परियोजनों का निर्माण9. तेल एवं गैस रिफाइनरी10. खनन एवं खनन कियाओं से संबंधित विस्फोटकों की आपूर्ति एवं आवागमन। 11. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ईंट-भटे12. स्थानीय नगर निकायों की सीमा में स्थित ऐसे कन्स्क्सन प्रोजेक्ट जहाँ कामगार निर्माण स्थल पर ही रहते हों और उनके किसी आवागमन की आवश्यकता न हो। 13. IT तथा ITES सेवाएँ जो अधिकतम अपनी 50 प्रतिशत मानव शक्ति का उपयोग कर सकती है। 14. स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों द्वारा प्रदान करने वाली सेवाएँ यथा इलेक्ट्रिशियन, आई0टी0 से संबंधित मरम्मत, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक तथा कारपेन्टर। 15. ई-कामर्स के माध्यम से सभी प्रकार के समानों की आपूर्ति । 16. आवश्यक वस्तुओं से संबंधित किराना दुकानें जिनसे होम डिलीवरी की सुविधा दी जायेगी। 17. सरकार द्वारा अनुमोदित ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कॉमन सर्विस सेन्टर। 18. मत्स्य पालन से संबंधित इकाईयों, कुक्कुट पालन तथा पशुपालन से संबंधित इकाईयाँ। 19. पशु-आहार तैयार करने वाली इकाईयाँ जिनके लिए संबंधित कच्चे माल ___ की आपूर्ति भी अनुमन्य होगी। 20. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से संबंधित उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग जिसमें एम्बुलेन्सेस भी सम्मिलित होंगी।


उक्त इकाइयों के संचालन एवं उनके सोसल डिस्टेंन्सिंग इत्यादि के सिद्धान्तो का पालन कराने तथा इकाइयों के कर्मचारियों के पास आदि जारी कराने की प्रक्रिया उपायुक्त उद्योग, उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों के माध्यम से जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी/उप जिलाधिकारी के स्तर से जारी किया जाना है।


निर्माण से सम्बन्धित निम्न गतिविधियाँ अनुमन्य की जायेंगी: 1. एक्सप्रेस-वे, हाई-वे सड़क, सिंचाई परियोजना, भवन तथा लघु एवं मध्यम उद्योग समेत समस्त प्रकार की औद्योगिक परियोजनाओं से सम्बन्धित निर्माण क्षेत्रों में यथा नगर पालिका व नगर निगम के क्षेत्रों के बाहर अनुमन्य होंगे। 2. रिन्यूवल इनर्जी परियोजनाओं से सम्बन्धी निर्माण कार्य 3. नगर पालिका व नगर निगम क्षेत्रों के अन्तर्गत ऐसे निर्माण कार्यों को जारी रखा जा सकता है, जहाँ मजदूर उक्त साईट पर मौजूद हों तथा बाहर से किसी भी मजदूर को लाये जाने की आवश्यकता न हो।


व्यक्तियों के आवागमन की अनुमति निम्न प्रकरणों में दी जाए:


निजी वाहनों के आवश्यक वस्तुओं के परिचालन/आपातकालीन सेवाओं के लिए परिचालन की यथा चिकित्सकीय व पशु सेवाओं को सम्मिलित करते हुए, अनुमति प्रदान की जायेगी तथा चार पहिया वाहनों के प्रकरण में ड्राइवर के अतिरिक्त पीछे की सीट पर मात्र एक व्यक्ति के लिए तथा दो पहिया वाहन के प्रकरण में केवल वाहन चालक के लिए अनुमति होगी। राज्य सरकार के निर्देशानुसार, छूट दी गयी श्रेणियों में सभी व्यक्तियों को कार्यस्थल पर जाने व वापस आने की अनुमति होगी।


राज्य सरकार/स्वायत्त संस्थाएँ व स्थानीय निकाय निम्नानुसार खुलेंगेः


1. पुलिस, होमगार्डस, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन व आपातकालीन सेवाएँ, आपदा प्रबन्धन, कारागार एवं नगरीय निकाय बिना किसी restriction के कार्य (पूर्ण क्षमता के साथ ) करेंगें। 2. राज्य के अन्य विभाग सीमित क्षमता के साथ कार्य करेंगे। समूह क व ख के अधिकारी आवश्यकतानुसार उपस्थिति होंगे। समूह ग तथा इससे निम्न श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी सामाजिक दूरी का मानक सुनिश्चित करते हुए 33 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य कर सकते हैं। प्रत्येक दशा में सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी और इसके लिए आवश्यक अधिकारी/कर्मचारी नियोजित किए जायेंगे। 3. जिला प्रशासन एवं कोषागार (महालेखाकार के क्षेत्रीय अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए) सीमित क्षमता (restricted staff) के साथ कार्य करेंगे। प्रत्येक दशा में सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी तथा इसके लिए आवश्यक अधिकारी/कर्मचारी नियोजित किए जायेंगे। 4. नई दिल्ली स्थित राज्यों के स्थानिक आयुक्त, केवल कोविड-19 सम्बन्धी क्रियाकलापों तथा आन्तरिक गतिविधियों विषयक क्रियाकलापों में सामंजस्य की सीमा तक कार्य करेंगे।5. वन विभाग के अधीन उतने अधिकारी/कर्मचारी कियाशील होगें जितने चिड़ियाघर व नर्सरी के संचालन व रखरखाव, वन्य जीव संरक्षण, वनों में आगजनी रोकने, पौधरोपण, पौधों की सिंचाई तथा वन क्षेत्र के अन्तर्गत पेट्रोलिंग व यातायात संचालन के लिए आवश्यक होंगे


व्यक्ति जिन्हें अनिवार्य रूप से क्वारन्टाइन में रखा जायेगा, निम्नवत है


1. ऐसे सभी व्यक्ति जिन्हें स्थानीय हेल्थ केयर पर्सनल द्वारा स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा निर्धारित अवधि के लिये कड़ाई से होम क्वारन्टाइन/संस्थागत क्वारन्टाइन में रहने के लिये निर्देशित किया गया हो। 2. क्वारन्टाइन का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भा0द0वि0 की धारा-188 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी। 3. क्वारन्टाइन व्यक्ति जो भारत में दिनांक 15.02.2020 के बाद प्रवेश किये है और क्वारन्टाइन अवधि समाप्ति के पश्चात कोविड-19 के परीक्षण मे निगेटिव पाये गये हो को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित SOP का पालन करते हुये कोरोन्टाइन से मुक्त किये जायेंगे I


उपरोक्त लॉकडाउन से सम्बन्धित निर्देशों के प्रवर्तन (Enforcement) के सम्बन्ध में निर्देशः


1- समस्त जिला मजिस्ट्रेट निर्दिष्ट National Covid-19 directive का कड़ाई से अनुपालन करायेगें। उक्त निर्देशों के उल्लघंन करने वाले सभी व्यक्तियों के विरूद्ध Disaster Management Act-2005 में उल्लिखित विधिक कार्यवाही की जायेगी एवं अर्थदण्ड वसूला जायेगा।


2- समस्त औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संस्थानों, कार्यस्थलों, कार्यालयों आदि को खोलने से पूर्व दिये गये दिशा निर्दशों/व्यवस्थाओं का पूर्ण पालन कराया जायेगा।


3- उपरोक्त रोकथाम उपायों को क्रियान्वित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को उनके अधिकार क्षेत्रों के लिए इन्सीडेन्ट कमाण्डर के रूप में तैनात किया जायेगा। इन्सीडेन्ट कमाण्डर अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में उपरोक्त उपायों के क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होंगे। उक्त निर्धारित कार्यक्षेत्रों में तैनात अन्य समस्त विभागों के अधिकारी इन्सीडेन्ट कमाण्डर के निर्देशन में कार्य करेंगे। इन्सीडेन्ट कमाण्डर आवश्यक आवागमन हेतु पास जारी करेंगे।


4- इन्सीडेन्ट कमाण्डर चिकित्सालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में विस्तार एवं वृद्धि हेतु आवश्यक संसाधन, कर्मी एवं सामग्री जुटाने हेतु सभी सम्भव प्रयास करेंगे जिससे चिकित्सालय बिना किसी बाधा के संचालित किये जा सके।


5- उपरोक्त दिशा निर्देशों में अनुमन्य अतिरिक्त क्रियाकलापों को उपरोक्त दिशा निर्देशों के कठोर अनुपालन हेतु समस्त व्यवस्थायें करने के पश्चात चरणबद्ध रूप से लागू किया जायेगायह दिनांक 20 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होंगे।


दण्डात्मक प्राविधानः


लॉकडाउन के दिशा निर्देशों के उल्लघंन करने पर किसी भी व्यक्ति के विरूद्ध Disaster Management Act-2005 की धारा-51 से 60 तथा भा0द0वि0 की धारा-188 में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।  


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-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।