उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश की इस झांकी में प्रदेश के सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को प्रदर्शित करते हुए प्रदेश के सर्व धर्म सम्भाव को झांकी में दिखाया गया है। प्रस्तुत उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी में गंगा की निर्मल धार में यहाँ की सांस्कृतिक विरासत के अविरल प्रवाह की झलक के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित देवा शरीफ के सूफियाना मिजाज का भी अहसास होगा। प्रस्तुत झांकी के केन्द्र में भारत के सनातन संस्कृति की प्रतिबिम्ब काशी हागी। झांकी के अगले हिस्से में बने प्लेटफार्म पर भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़े वाद्य-यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है। जबकि प्लेटफार्म के नीचे काशी में बहती अविरल निर्मल गंगा और यहाँ की संस्कृति देखने को मिलेगी।
झांकी में काशी की संगीत परम्परा को नई ऊचाईयों पर पहुंचाने वाले प्रख्यात शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, तबला सम्राट पं. सामता प्रसाद (गुदई महाराज) और स्वर सम्राज्ञी विदुषी गिरिजा देवी की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित होगी। झांकी पर कत्थक नृत्य करते कलाकार झांकी को सजीव बनायेंगें। नृत्य में तल्लीन कलाकारों के पीछे काशी की संत परम्परा को विशिष्ट पहचान देने वाले संत कबीर और संत रविदास की प्रतिकृतियां होगी, वहीं पार्श्व में बाराबंकी की मशहूर देवों शरीफ का नजारा देखने को मिलेगा, जो प्रदेश की सूफियाना तासीर और गंगा जमुनी तहजीब का संकेत देगी। इसी के साथ झांकी के दोनों ओर ग्राउण्डस एलीमेंट के रुप में कलाकार द्वारा प्रदेश के प्रसिद्ध विभिन्न सांस्कृतिक विद्याओं का प्रदर्शन करते हुए नजर आयेंगें।
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