बुंदेलखंड के नौजवानों को एक्सप्रेस-वे निर्माण के माध्यम से रोजगार देने का भी काम करें निर्माणकर्ता
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की लाइफ लाइन बनेगा। उन्होंने कहा कि निर्माणकर्ता निर्धारित की गई समय सीमा और मानक की गुणवत्ता को बनाए रखें। इसके साथ ही बुंदेलखंड के नौजवानों को एक्सप्रेस-वे निर्माण के माध्यम से रोजगार देने का भी काम करें। आने वाले तीन वर्षों के बाद बुंदेलखंड को कोई पिछड़ा क्षेत्र नहीं कहेगा। बुंदेलखंड देश में विकास का एक नया मॉडल बनेगा।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लोकभवन में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सहयोग प्रदान करने वाले किसानों को सम्मानित करने के दौरान उनको संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए घोषित डिफेंस मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना भी इसी एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर होने जा रही है। इसके लिए जिन 6 नोड्स को चिन्हित किया गया है, उनमें से दो नोड्स बुंदेलखंड के चित्रकूट और झांसी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का दूसरा विकल्प नहीं है। हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य हमें उज्जवल करना है, तो हमें विकास को अंगीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक भूमि में से 95 प्रतिशत भूमि प्राप्त हो चुकी है। 15 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की तकदीर को बदल कर रख देगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और डिफेंस मैनुफैक्चरिंग कॉरिडोर के बनने के बाद बुंदेलखंड के युवाओं को नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही बाहर के नौजवान भी यहां रोजगार के लिए आएंगे। इसके बन जाने के बाद बुंदेलखंड के लोग 5 घंटे में दिल्ली का रास्ता तय करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट को आध्यात्मिक एवं पर्यटन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। आगामी दो सालों में बुंदेलखंड के सातों जनपद झांसी, ललितपुर, महोबा, जालौन, चित्रकूट, हमीरपुर और बांदा के हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे इसके लिए सरकार 9 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध करा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सकारात्मक सोच की सरकार आती है, तो सकारात्मक विकास ही तेजी से आगे बढ़ता है, लेकिन जब नकारात्मक सोच की सरकार आती है तो जनता के हकों पर डकैती डालने का काम होता है। पहले बुंदेलखंड में यही होता था। लोगों का शोषण होता था। पैसा कोई कमाता था बदनाम बुंदेलखंड के वासी होते थे। जब उनके पास रोजगार नहीं रह जाता था, तो उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा के लिए भी हमारी सरकार ने काम किया है। सरकार निराश्रित गोवंश के आश्रय स्थल के लिए प्रत्येक जनपद को पर्याप्त धनराशि दे चुकी है। इसके अलावा निराश्रित गोवंशों की जियो टैगिंग की जाएगी। इससे पहचान हो जाएगी कि गोवंश किसका है। जियो टैग के बाद अगर कोई किसान निराश्रित गोवंश का पालन करेगा, तो सरकार उसे 900 रुपये महीना दे रही है। नस्ल सुधार की दिशा में भी प्रदेश सरकार काम कर रही है। बुंदेलखंड में अच्छे गोवंश पैदा हो इस दिशा में बड़ा कार्य प्रारम्भ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 7 जनपदों के किसानों को सम्मानित भी किया।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति की पुस्तक का विमोचन और यूपीडा मोबाइल एप का लोकार्पण किया। इस दौरान मंच पर औद्योगिक विकास विभाग के मंत्री सतीश महाना, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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