रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का निर्णय भारत वर्ष के इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय के रुप में याद रखा जायेगा
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का निर्णय भारत वर्ष के इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय के रुप में याद रखा जायेगा
लखनऊ, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा की रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का निर्णय भारत वर्ष के इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय के रुप में याद रखा जायेगा। इस विवाद में 1986 से समाजवादियों का यही पक्ष रहा है कि यह विवाद (1) दोनों समुदायों के बीच में बात-चीत से तय हो जाय यह (1) इस सम्बन्ध में न्यायालय का निर्णय मान्य हो। चूंकि बात चीत से इस समस्या का समाधान सम्भव नहीं हो सका अतः उच्चतम न्यायालय को अपना निर्णय देना पड़ा
देना पड़ाभारत वर्ष जैसे महान प्रजातांत्रिक देश में जो प्रणाली हमारे संविधान निर्माताओं ने बनाई थी उसके अनुसार उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिया गया आदेश हमारे देश के सभी लोगों पर बाध्य होता है और हमें मानना है। इस महत्वपूर्ण निर्णय को भी सारा देश उसी प्रकार से स्वीकार करेगा जिस प्रकार संविधान में उच्चतम न्यायालय को यह अधिकार दिया गया है
वास्तव में इस निर्णय को हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरुप और Rule of Law तथा प्रजातन्त्र को सुदृढ़ करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा
चूंकि पक्षकार निर्णय के बारे में पहले से कहते रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय जो भी होगा उसे स्वीकार किया जायेगा। अतः हम यह आशा करते हैं कि देश के सभी लोग शान्तिपूर्ण वातावरण सौहार्द बनाये रखेंगें और किसी भी समुदाय के लोग कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगें जिससे दूसरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे या किसी प्रकार से साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो
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