Skip to main content

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का तीसरा दिन


अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का तीसरा दिन


एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूलमंत्र है -- श्री बृजेश पाठक, कानून एवं न्यायमंत्री, उ.प्र.


लखनऊ, 10 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 20वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन' के तीसरे दिन का उद्घाटन आज प्रातः प्रदेश के कानून एवं न्यायमंत्री श्री बृजेश पाठक ने दीप प्रज्वलित कर किया, जबकि समारोह की अध्यक्षता जाम्बिया के न्यायमंत्री श्री गिवेन लुबिन्डा ने की। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे 71 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, - न्यायाधीश, विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुखों समेत 290 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने एक नई विश्व व्यवस्था हेतु जोरदार तरीके से अपने विचार रखेविदित हो कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन 8 से 12 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है।


अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के तीसरे दिन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि श्री बृजेश पाठक, कानून एवं न्यायमंत्री, उ.प्र. ने कहा कि एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूलमंत्र है। मैं डॉ. जगदीश गाँधी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होने आज की जरूरत को पहचाना और विश्व के बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य के लिए विगत कई वर्षों से इस सम्मेलन को आयोजित कर रहे हैं। विभिन्न देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों की आवाज वैश्विक शान्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगीसमारोह की अध्यक्षता करते हुए जाम्बिया के न्यायमंत्री श्री गिवेन लुबिन्डा ने कहा कि विश्व व्यवस्था में आज भय एवं अशान्ति का वातावरण बना हुआ है। दुनिया के अधिकांश देश अपने ही लोगों का धन उनके उत्थाव व विकास पर खर्च करने के बजाय हथियारों पर खर्च कर रहे हैं बावजूद इसके कि भुखमरा, गराबा, आशक्षा, आतकवाद इत्यादि बड़ी समस्याये सामने खड़ा है। सम्मेलन के तीसरे दिन के पहले प्लेनरी सेशन में अपने विचार रखते हुए बेनिन सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति ओस्माने बटोको ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन विश्व के देशों को नई विश्व व्यवस्था के मुकाम पर पहुँचायेगा। उन्होंने विश्व के नेताओं का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि हाथ से हाथ मिलाएं और ऐसा विश्व बनाएं जहाँ शांति व एकता का साम्राज्य हो और हमारे बच्चे सुरक्षित रह सके। थाईलैण्ड सुप्रीम कोर्ट के वाइस प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति सैटिप सुकाटिपन ने जोरदार शब्दों में अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था की वकालत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय कानून इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि इसमें राजनीतिकरण न हो सके। अंगोला की संवैधानिक कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति एम. डकोस्टा अरागाओं ने कहा कि बच्चों के भविष्य की सुरक्षा आज की सर्वाधिक आवश्यकता है और हम इसके महत्सव को समझते हैं। उन्होने विश्व सरकार व वैश्विक कानून की सी.एम.एस. छात्रों की मांग का पुरजोर समर्थन किया। सर्बिया के कान्स्टीट्यूशनल कोर्ट की वाइस प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति स्नेजाना मार्कोविक ने कहा कि हम एक दूसरे पर बंधी मुट्ठी तान कर दुनिया में बदलाव नहीं ला सकते। इसके लिए हम सभी को साथ मिलकर कार्य करना होगा इसके अलावा, इस ऐतिहासिक अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के तीसरे दिन आज 71 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों ने विभिन्न पैरालल सेशन्स में जमकर चर्चा परिचर्चा की। जहाँ एक ओर 'क्रिएटिंग कल्चर ऑफ यूनिटी एण्ड पीस' थीम के अन्तर्गत पीस एजूकेशन, क्रास कल्चरल अण्डरस्टैंडिग, इण्टरफेथ डायलॉग, यूनिटी एण्ड को-एक्जिस्टेन्स ऑफ रिलीजन, रोल ऑफ सिविल सोसाइटी आदि विषयों पर चर्चा हुई तो वहीं दूसरी ओर 'स्टैब्लिशिंग रूल ऑफ लॉ थीम के अन्तर्गत स्टै ब्लिशमेन्ट ऑफ वर्ल्ड पार्लियामेन्ट टु इनैक्ट इन्फोर्सेबल वर्ल्ड लॉ, लिमिटेशन्स आफ इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस एण्ड इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, इण्टरनेशनल ज्यूडिशियल एक्टिविज्म, टीचिंग एण्ड ट्रेनिंग इन इण्टरनेशनल लॉ, रिलेशनशिप बिटवीन इण्टरनेशनल लॉ एण्ड डोमेस्टिक लॉ आदि विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआइसी प्रकार 'ग्लोबल गवर्नेन्स स्ट्रक्चर', 'टैकलिंग ग्लोबल इश्यूज', 'ह्यूमन राइट्स' एवं 'सस्टेनबल डेवलपमेन्ट' आदि विषयों एवं उप-विषयों पर जमकर विचारों का आदान-प्रदान हआ। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने आज अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में मुख्य न्यायाधीशों के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि न्यायविदों व कानूनविदों का कहना था कि हम लोगों के बीच संस्कृति, मान्यताओं व सामाजिक मूल्यों की विभिन्नताएं होने के बावजूद हम सब भाई बहन हैं और जब तक हम इन विभिन्नताओं में एकता नहीं स्थापित करते, हम शान्ति व सुख से नहीं रह सकते। न्यायविदों का मानना था कि बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। अतः एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण होना चाहिए जिससे विश्व में न्याय, एकता व शान्ति स्थापित हो सके, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाये, बच्चों पर अत्याचार और अन्याय समाप्त हो, सबको चिकित्सा का लाभ मिल सके और युद्ध समाप्त हो। प्रो. किंगडन ने बताया कि 'भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51° पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन पूरी तरह से विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है।



सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने आज विद्यालय के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी का जन्मदिवस बड़े उत्साह व उल्लास से मनाया और उनके स्वस्थ व दीर्ध जीवन की तहेदिल से कामना की। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में पधारे मुख्य अतिथि श्री बजेश पाठक, कानन एवं न्यायमंत्री, उ.प्र. ने भी डा. गाँधी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही, सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याओं व शिक्षकों-कार्यकर्ताओं के साथ ही अनेकों गणमान्य हस्तियों द्वारा दिनभर बधाई देने का सिलसिला चलता रहा। श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के अन्तर्गत आयोजित 71 देशों के न्यायविदों, काननविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के स्वागत समारोह में लखनऊ की मे भाटिया ने इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री एन्टोनी केसिया-एम.बी.ई. मिन्दुआ को 'लखनऊ शहर की चाबी भेंटकर सम्मानित किया।


श्री शर्मा ने आगे बताया कि प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने 71 देशों से पधारे अतिथियों को आज सायं साइन्टिफिक कन्वेन्शन सेन्टर, के.जी.एम.यू., में रात्रिभोज दिया। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की सद्भावना को सभी आमन्त्रित अतिथियों ने सराहा तथापि सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने श्री दीक्षित के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फेडरेशन ऑफ वर्ल्ड पीस एण्ड लव, ताईवान, के सदस्यों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के चौथे दिन का उद्घाटन कल 11 नवम्बर को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। डा. महेन्द्र सिंह, कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति, उ.प्र., इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा, 71 देशों से पधारे न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में रंगारंग साँस्कृतिक संध्या का आयोजन कल 11 नवम्बर को सायं 7.30 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया गया है। प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।