सामाजिक परिवर्तन का एक सैनिक ''राम प्रकाश सरोज आई0पी0एस0 (से0नि0) ''
सावी न्यूज़ लखनऊ। दलित समाज में साहित्यिक क्रान्ति और उनमें विकास का जज्बा लिए श्री राम प्रकाश सरोज आई0पी0एस0 (से0नि0) को सामाजिक परिवर्तन का एक सैनिक कहना उचित है। एक साधारण से परिवार में जन्में श्री राम प्रकाश सरोज बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं राजकीय सेवाओं में बड़ी निपुड़ता व श्रम से कार्य किया अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और अन्त में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक होकर सेवानिवृत्त हुए, सेवानिवृत्त होकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तर प्रदेश, लखनऊ के सम्मानित सदस्य रहे इसके बाद मेहनतकश व्यक्तित्व के धनी सरोज साहब खाली नही बैठने वाले थे उन्होने निर्णय लिया की कुछ ऐसा कार्य किया जाये जिससे दबे कुचले दलित समाज में शिक्षा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़े इस उददेश्य की पर्ती हेतु उन्होने एक संगठन बना कर दलित छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं मेधावी छात्रों को पुरस्कार प्रदान करना प्रारम्भ किया तथा अपनी कलम के जादू से 15 अमूल्य पुस्तकों की रचना कर डाली जो कि एक आश्चर्य है।
राम प्रकाश सरोज का जन्म जून 30, सन् 1936 को ग्राम व पोस्ट सराय रजई, जनपद प्रतापगढ़ के अनुसूचित जाति के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। श्री सरोज ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांवों के स्कूलों में पूरी करने के बाद सन् 1951 में हाई स्कूल व सन् 1953 में इंटरमीडिएट यू0 पी0 बोर्ड से, सन् 1955 में बी0ए0, सन् 1957 में एम0ए0 (भूगोल) तथा सन् 1959 में एलएल0बी0 की परीक्षायें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की।
आप सन् 1964 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित होकर उत्तर प्रदेश कैडर में अपने समाज के प्रथम आईपीएस अधिकारी नियुक्त हुए। पुलिस विभाग के विभिन्न दायित्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक कार्य सम्पादन करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद से सन् 1994 में सेवानिवृत्त होकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तर प्रदेश, लखनऊ के सम्मानित सदस्य रहे।
सरोज विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेवा एवं साहित्य में रूचि लेते रहे और सेवा निवृत्ति के बाद से अब तक उनके द्वारा रचना की गई 15 पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं:- 1- क्रान्तिवीर मदारी पासी एवं एका आन्दोलन, 2– पासी समाज दर्पण, 3- आजादी के दीवाने पासी, 4- आरक्षण का सच, 5- लोकतांत्रिक सत्ता एवं पासी समाज, 6- पासी, 7– अनुभव, 8- पासी समाज के गौरव, 9- हमारे प्रेरणा स्रोत, 10-किसान का बेटा आईपीएस, 11-जीवन के अजब गजब रंग, तथा 12- यादों के झरोखे से 13- यादगार पल 14-वैचारिकी 15- दलित साहित्य कोष ।
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