बैंक ऑफ बड़ौदा ने प्रदर्शन सुधार हेतु राज्य-स्तरीय परामर्शक प्रक्रिया आयोजित की राष्ट्रीय एजेंडा के अनुरूप भावी योजना की रूपरेखा तैयार की
सावी न्यूज़ लखनऊ, 24 अगस्त, 2019ः भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता और उत्तर प्रदेश के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उ० प्र ० के समन्वयक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने एसएलबीसी के तत्वाधान में परामर्शक प्रक्रिया का संयोजन किया। इस संयोजन का उद्देश्य आंतरिक प्रदर्शन की समीक्षा करना, राष्ट्रीय एजेंडा की अनुरूपता पर जोर देना और वृहत अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान देना रहा।
ये राज्य-स्तरीय विचार गोष्ठियां, पहले चरण में 17 और 18 अगस्त को आयोजित दो-दिवसीय परामर्शक इंट्रा - बैंक कार्यशालाओं के बाद आयोजित दूसरे चरण की विचार-गोष्ठी का हिस्सा थीं। उक्त गोष्ठियों में क्षेत्रीय स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की सभी शाखाओं ने हिस्सा लिया। इन गोष्ठियों व कार्यशालाओं में क्रियान्वित किये जाने लायक और नये-नये अनेक समाधान उभरकर सामने आये कि किस तरह से सामान्यतः पीएसबी अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं।
जिन सुझावों और विचारों पर क्षेत्रीय स्तर पर चर्चा की गयी, उन पर आगे 22 अगस्त और 23 अगस्त को आयोजित राज्य-स्तरीय विचार-गोष्ठियों में विचार-विमर्श हुआ। उक्त गोष्ठी में श्री पीण् एसण् जयकुमारए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारीए बैंक ऑफ बड़ौदा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियोंए भारतीय रिजर्व बैंकए नाबार्डए इण्डस्ट्री एसोसिएशन ;सी,ई,ई,आई,ई, व एम,एस,एम,ई , एसोसिएशन व सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के १३२ अंचल प्रमुख क्षेत्रीय प्रमुखो द्वारा सहभागिता की गई। आर्थिक विकास हेतु ऋण सहायता, बुनियादी ढांचा/इंडस्ट्री, कृषि क्षेत्र और ब्लू इकाॅनमी, जल शक्ति, एमएसएमई क्षेत्र जैसे मुद्रा लोन, शिक्षा एवं हाउसिंग खण्ड 'सभी के लिए आवास' एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रिटेल लोन, निर्यात ऋण, हरित अर्थव्यवस्था, स्वच्छ भारत, वित्तीय समावेशन और नारी सशक्तिकरण, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, लेस कैश/डिजिटल इकाॅनमी, ग्राहकों की प्रतिक्रियाशीलता एवं काॅर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी जैसे क्षेत्रों में इंटर-बैंक प्रदर्शन एवं स्थानीय व राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ इसकी अनुरूपता की समीक्षा की गई। प्रदेश के समस्त ९ अग्रणी बैंको द्वारा प्रथम चरण में उनके बैंक के प्रतिभाग की प्रस्तुति की गयी।सभी बैंको के .९. ग्रुप बनाये गये जिन्होने .९. विषयों पर चर्चा की एवं अपनी प्रस्तुति दी।
इस सम्मेलन से प्राप्त विचारों एवं सुझावों को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दो-दिवसीय परामर्शक प्रक्रिया के तीसरे चरण में राष्ट्र-स्तरीय विचार-विमर्शों में ले जाया जायेगा। राष्ट्र-स्तरीय विमर्शों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी/ईडी, क्षेत्र विशेषज्ञ, विनियामक एवं वित्तीय संस्थाएं शामिल होंगी, जहां इंट्रा-बैंक एवं इंटर-बैंक प्रदर्शन और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ बैंकों की अनुरूपता पर प्रस्तुतियों एवं चर्चाओं के जरिए समीक्षा होगी। चर्चाओं में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बदलाव और प्रोत्साहन हेतु विचारों के क्रियान्वयन के लिए रणनीति पर भी विचार होगा।
Comments
Post a Comment