2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास देने का लक्ष्य
सावी न्यूज़ लखनऊ। केंद्र की इस महत्वकांछी योजना वास्तव में बेघरों के लिए वरदान से काम नहीं है और उनके लिए भी बेहतर है जिनके पास जगह है पर निर्माण के लिए धन नहीं है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की तर्ज पर देश के सभी बेघर परिवारों को प्रधानमंत्री आवास देने पर विचार कर रही है। ऐसा होने पर पीएम आवास के लिए सिर्फ एक शर्त बेघर होना, रह जाएगी। सामाजिक आर्थिक जातीय गणना-2011 की सूची मे पात्र के शामिल होने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी।l सूत्र के मुताबिक मुख्य सचिव डा.अनूप चन्द्र पाण्डेय ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाए, इस काम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को पहचान-पत्र दिए जाएं और शिकायत प्राप्त होने की दशा में कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन लाभार्थियों के द्वारा आवास के लिए भूमि की व्यवस्था कर ली है उनको पहली किश्त का भुगतान तत्काल करा दिया जाए। मुख्य सचिव ने मंगलवार को मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों कोवीडियो कान्फ्रेन्सिग के जरिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास देने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। सामाजिक आर्थिक जातीयगणना-2011 (सेक) के आधार पर तैयार की गई स्थाई पात्रता सूची से के लिए यह लक्ष्य है। जबकि सेक सूची से बाहर भी तमाम ऐसे बेघर परिवार हैं जो पात्र तो हैं लेकिन सूची में नहीं होने के कारण उन्हें आवास नहीं मिल पाया है। पीएम आवास ग्रामीण में इस साल 1,53, 900 आवास प्रदेश को मिले हैं। इतने आवासों के निर्माण के लिए लाभार्थियों का पंजीकरण, जिओ टैगिंग और आवास स्वीकृत करने का काम ग्राम्य विकास विभाग कर रहा है दिसंबर ये आवास बना देने की तैयारी है। बताया जाता है कि केंद्र सरकार अब आवास निर्माण को और प्राथमिकता देने पर विचार कर रही है
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