आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर्स कंपनी ने आसान किस्तों पर आशियाने का सपना दिखा हजारों निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों की जमा पूंजी हड़प ली
सावी न्यूज़ लखनऊ । आम जनता जो एक मुश्त रकम एकत्रित नहीं कर पाते वे बेचारे किश्तों पर अपना आशियाना बनाने के चलते फंस जाते हैं ऐसे ही लखनऊ में आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर्स कंपनी ने आसान किस्तों पर आशियाने का सपना दिखा हजारों निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों की जमा पूंजी हड़प ली। एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि आशीष श्रीवास्तव की संपत्ति व बैंक खातों का ब्योरा खंगालने के लिए उसे रिमाण्ड पर लिया जाएगा। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के साथ ही फर्जीवाड़े की परतें उधड़ रही हैं। जांच में सामने आया कि आशीष एक के बाद एक छद्म कंपनियां बनाता गया और ठगी के रुपयों से परिवारीजनों के नाम पर अकूत संपत्ति बनायी। इंस्पेक्टर गोमतीनगर रामसूरत सोनकर ने बताया कि आशीष श्रीवास्तव मूलतः बाराबंकी के कमरियाबाग के प्रेमी नगर का रहने वाला है। वह चार भाइयों में दूसरे स्थान पर है। शुरुआत में वह ब्रोकर के रूप में जमीन और सेकेंड हैंड गाड़ियां बिकवाने का काम करता था। धीरे-धीरे उसने मार्केट में अपनी पैठ बना ली और देवां रोड के कुछ किसानों से जमीन का एग्रीमेंट करके रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू कर दिया। वर्ष 2011 में उसने आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इसमें उसने अपने छोटे भाई अंकुर श्रीवास्तव व मनीष श्रीवास्तव को निदेशक बनाया और अंकुर की पत्नी शिखा को प्रबंधक का पद दिया। ग्राहकों को लच्छेदार बातों में फंसाने के लिए आशीष ने सुन्दर महिलाओं को ऑफिस में कांउसलर के रूप में रखा। 18 जून 2018 को आजमगढ़ के बेनी गौरा निवासी दिनेश त्रिपाठी ने आर संस कंपनी के खिलाफ गोमतीनगर थाने में पहली एफआईआर दर्ज करायी। दिनेश ने पुलिस को बताया कि आशीष व उसके कर्मचारियों ने उन्हें गोसाईंगंज स्थित प्रखर सिटी-2 योजना में प्लॉट देने का झांसा देकर 7,87,000 रुपये हड़प लिए। यह मुकदमा दर्ज होने के बाद से आशीष श्रीवास्तव अंडरग्राउंड हो गया। पुलिस बाराबंकी स्थित उसके आवास पर दबिश देती रही लेकिन वह नहीं मिलता। आशीष के पकड़े जाने पर पता चला कि वह गोमतीनगर के विराटखण्ड-3 स्थित अपने आलीशान फ्लैट में रह रहा था। सीओ अवनीश्वर चन्द्र श्रीवास्तव बताया कि आशीष की पत्नी संध्या भी उसके जुर्म में बराबर की साथी है। इसके अलावा उसकी दो बेटियां हैं जो फिलहाल उसके संपर्क में नहीं हैं। वहीं आशीष के दो साले अजय और रमेश श्रीवास्तव फैजाबाद में रहते हैं। अभी तक की छानबीन में सामने आया है कि आशीष ने उनके नाम से भी कुछ संपत्तियां खरीद रखी हैं। आशीष ने पुलिस के सामने कबूला कि अजय और रमेश ने उसके पास कई ग्राहक भेजे जिनसे उसने लाखों की रकम ऐंठी।
बताया जा रहा हैं कि आर संस इन्फ्रा लैण्ड डेवलपर्स ने मकान व प्लाट के नाम पर संगठित लूट की है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) की जांच में इसका खुलासा हुआ है। बिल्डर के खिलाफ तमाम शिकायतें मिलने के बाद पिछले महीने रेरा ने जांच कराई तो इसकी जानकारी हुई । बिल्डर ने लखनऊ व बाराबंकी ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों के हजारों लोगों के अरबों रुपये लूटे हैं। रेरा ने बिल्डर के खिलाफ एसआईटी जांच की सिफारिश अप्रैल में ही कर दी थी। जांच के लिए प्रमुख सचिव गृह से सिफारिश की गई है रेरा ने बिल्डर पर 38.15 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। आर संस इन्फ्रा बिल्डर की बड़ी धोखाधड़ी तब रेरा के संज्ञान में आई जब यहां के 101 लोगों ने लिखित शिकायत दर्ज कराईलखनऊ व बाराबंकी में उसने आवासीय योजनाओं के नाम पर प्रलोभन देकर हजारों लोगों को ठगा है। रेरा की तकनीकी जांच में पता चला कि बिल्डर के पास जमीन ही नहीं थी और उसने हजारों लोगों से प्लाट व मकान के नाम पर पैसा ले लिया। रेरा के सचिव अबरार अहमद ने इसे संगठित लूट करार दिया। प्रमुख सचिव गृह से इस मामले की एसआईटी जांच की सिफारिश की है।
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