समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि विगत दो चरणों की तरह लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में भी वोटों की भारी बारिश गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में हुई हैं। तीसरे चरण में लोकसभा की 10 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें गठबंधन के प्रत्याशियों की शतप्रतिशत जीत सुनिश्चित है। श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने अपने बड़बोलापन और अहंकार से प्रदेशवासियों को बुरी तरह आहत किया है। जनता उनको उनके पुराने वादों की याद दिलाती रही पर एक भी वादे के बारे में वे जनता को संतुष्ट नहीं कर सके। इससे आक्रोशित लोगों ने आज ईवीएम मशीनों पर गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में साइकिल और हाथी के निशान वाले बटन दबाकर मतदान किया। श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि गठबंधन की मजबूती से बौखलाकर भाजपा नेताओं ने जिस तरह अनर्गल बयानबाजी की और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री बहन मायावती जी पर आरोप लगाए उसका भी जनमानस पर गहरा असर पड़ा और मतदाताओं ने तय किया कि वे अब हर कीमत पर भाजपा को करारा सबक सिखाएंगे। मतदाता अपने निर्णय पर पहले और दूसरे चरण के पश्चात् तीसरे चरण में टिके रहे और परिणाम स्वरूप आज दस की दस लोकसभा सीट गठबंधन के पक्ष में आयेंगी।
-आध्यात्मिक लेख आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...
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