सावी न्यूज़ वाराणसी / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से नामांकन दाखिल कर दिया। वहां मौजूद जनसैलाब ने वातावरण को मोदीमय बना दिया मोदी के इस स्वागत से प्रधानमंत्री मोदी बहुत प्रसन्न हुए और कार्यकर्ताओ में जोश भरा इस मौके पर नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, राम विलास पासवान,प्रकाश सिंह बादल और ओ. पनीरसेल्वम समेत कई बड़े नेताओं की मौजूदगी से एनडीए ने ताकत दिखाई। नामांकन से पहले बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह पहला ऐसा चुनाव है, जिसमें सत्ता के पक्ष में लहर है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष अलगअलग राज्य में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर एक तरह से मोदी हटाओ अभियान में जुटा हुआ है। कहीं गठबंधन बना है तो कहीं अलग-अलग होकर भी भाजपा व एनडीए के खिलाफ लड़ रहे हैं। ऐसे में भाजपा हर मौके पर यह दिखा रही है कि सबसे मजबूत और एकजुट गठबंधन भी उसके ही पास है। एक तरह से भाजपा की कोशिश विपक्ष से उसकी एकजुटता का तुरुप का पत्ता भी छीनने की है। खासकर उत्तरप्रदेश में जहां सपा- बसपा के गठबंधन से विपक्ष को सबसे ज्यादा उम्मीदें है। मोदी ने रोड-शो और नामांकन से एनडीए की एकजुटता दिखाकर पूरे देश को संदेश दिया है। बूथ अध्यक्षों को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री ने महागठबंधन से सतर्क किया। उन्होंने कहा कि कोई मोदी को कितनी भी गाली दे, चिंता ना करें क्योंकि वह कचरे से 'कमल' खिलाना जानते हैं
-आध्यात्मिक लेख आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...
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